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'बाबूराव' की इमेज से छुटकारा पाना चाहते हैं परेश रावल, कहा- 'हेरा फेरी 2 में ज़्यादा ही होशियारी दिखा रहे थे और यह काम नहीं किया'

दिग्गज कलाकार परेश रावल अपनी हर फिल्म में एक अलग ही छाप छोडते है. अपने कैरेक्टर को कैसे जीना है ये परेश रावल से बेहतर कौन जान सकता है. वहीं परेश के सबसे फेमस किरदारों में से एक बाबूराव आप्टे को भला कौन भूल सकता है. पर वहीं परेश अब अपने इस किरदार से छुटकारा पाना चाहते है.
परेश रावल ने द क्विंट को दिए एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान उन्होंने ‘फिर हेरा फेरी’ के दौरान के अपने अनुभव शेयर किए. उन्होंने कहा कि हेरा फेरी की दूसरी क़िस्त में मासूमियत की कमी थी जो पहली फिल्म की सार थी. आगे उन्होंने बात करते हुए कहा कि इस फिल्म में सुनील शेट्टी की अकेले सबसे ईमानदार व्यक्ति थे और इसीलिए वो दूसरे किस्त में भी सबसे अलग नजर आए थे.

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वहीं बाबूराव के किरदार पर सोशल मीडिया में ढ़ेर सारे मीम बनने पर परेश नें कहा, 'मैं इन सब से थक चुका हूँ. ये सब अब थकाउं लगता है.' वहीं उन्होंने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा, 'हेरा फेरी में क्या हुआ, हम बहुत ज्यादा ओवर स्मार्ट थे. ज्यादा ही होशियारी दिखा रहे थे अपनी और यह काम नहीं किया.'
वहीं इस दौरान परेश ने सुनील शेट्टी के काम का जिक्र करते हुए कहा कि, 'सबके अलावा एक आदमी था जो काम कर रहा था, जो बहुत ईमानदार था वो सुनील शेट्टी था. वह कभी भी कुछ साबित नहीं करना चाहता था इसलिए वो इन सब चीज़ से बाहर था. और हम, देखा.. बहुत गंदगी हो गई थी. उनसे इस दौरान इस फेमस फ्रेंचाइजी की तीसरी किस्त के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब कभी भी होता है, एक तो इनोसेंस चाहिए वो नहीं था… को था ही नहीं. गंदगी हो गई. सच तो ये है कि मैं इससे अब छुटकारा चाहता हूं.'
आपको बता दें, साल 2000 में आई हेरा फेरी फिल्म में परेश रावल के साथ अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी लीड रोल में थे. इस फिल्म को प्रियदर्शन ने डायरेक्ट किया था.वहीं फिल्न की दूसरी किस्त 'फिर हेरा फेरी' को नीरज वोहरा ने डायरेक्ट किया था.

(Source: The Quint)

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