इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMPPA) ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उनसे महामारी के बीच सेक्टर को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए फिल्म और मनोरंजन उद्योग पर GST को खत्म करने या “काफी कम” करने का अनुरोध किया गया है.
एसोसिएशन ने एफएम को संबोधित अपनी चिट्ठी में, सीतारमण से बहुत ज्यादा टैक्स और 18 प्रतिशत पर जीएसटी भी लगाए जाने के कारण इंडस्ट्री के "दर्द और पीड़ा" पर विचार करने का आग्रह किया है.
IMPPA ने दावा किया कि GST (वस्तु और सेवा कर) बहुत ज्यादा दर पर लगाया जाता है, खासकर जब यह एक ऐसी इंडस्ट्री है, जहां सरकार कोई निवेश नहीं करती है, लेकिन "होने वाली कमाई में से हिस्सा छीन लेती है".
चिट्ठी में लिखा गया है, "इसलिए ऐसे इंडस्ट्री में, जहां उद्यमियों द्वारा पूरी पूंजी का योगदान किया जा रहा है, और आज एक ऐसे चरण में है जहां इंडस्ट्री महामारी के कारण डेड एन्ड पर पहुंच गयी है. यह जरुरी हो गया है कि इंडस्ट्री में नया खून और ताकत डाली जाए ... इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए एक बार के उपाय के रूप में जीएसटी और अन्य सभी टैक्स को खत्म करके."
एसोसिएशन, जिसमें लगभग 6,000 सदस्य हैं, ने कहा कि सरकार ने कई मल्टीप्लेक्स और प्रदर्शनी आउटलेट्स को "बड़े पैमाने पर कर छूट और सब्सिडी" दी है, जो पूरी तरह से टिकटों की बिक्री पर निर्भर करते हैं और महामारी के कारण सिनेमा हॉल बंद होने के दौरान संघर्ष करते हैं.
"यह एक ऐसा व्यवसाय है जो केवल टिकटों की बिक्री से उत्पन्न आय पर चलता है, जो केवल तभी बेचा जाता है जब फिल्म जनता को पैसे देने और टिकट खरीदने के लिए प्रेरित करने के लिए पर्याप्त अपील करती है. इसलिए अगर उद्योग को जीवित रहना है तो उसे फिल्मों की जरूरत है और सरकार को तुरंत एम एंड ई उद्योग पर जीएसटी को खत्म करने या काफी हद तक कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए."