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'कुछ कुछ होता है' में अपने किरदार के बचाव में उतरी रानी मुखर्जी, टीना के रोल के बारे में कहा यह

1998 में आयी करण जौहर की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म 'कुछ कुछ होता है' को रिलीज हुए 23 साल हो गए हैं. फिल्म में शाहरुख़ खान, काजोल, रानी मुखर्जी, अनुपम खेर, फरीदा जलाल थे. करण की इस फिल्म ने कॉलेज की दोस्ती और सच्चे प्यार की कहानी को हाइलाइट किया. जबकि कुछ कुछ होता है को बहुत से लोग पसंद करते हैं, एक निश्चित वर्ग की राय है कि फिल्म कई मायनों में समस्याग्रस्त थी. कुछ लोगों का मानना है कि एक पुरुष एक ऐसी महिला के प्यार में पागल है जो ग्लैमरस दिखती है न कि उसके लिए जो एक टॉमबॉय-सेक्सिस्ट थी.

इंडिया.कॉम को दिए एक इंटरव्यू में, रानी मुखर्जी ने कहा, ‘टीना एक दयालु इंसान थी, जिसे पाना राहुल के लिए बहुत कठिन था, इसलिए उसमें टीना को लेकर ज्यादा उत्सुकता थी. फैक्ट यह है कि उन्होंने कॉलेज में ‘ओम जय जगदीश हरे’ गाया था, जबकि वह लंदन में पैदा हुई और पली-बढ़ी है. इससे भी राहुल, टीना की ओर आकर्षित हुआ था.’   

रानी ने यह भी कहा, ‘मैं ऐसा नहीं कहूंगी कि वह टॉमबॉय जैसी दिखने वाली अंजलि के पीछे जाने के बजाय एक ऐसी लड़की के पीछे गया था जो दिखने में बहुत अच्छी थी. मैं इसे उतना हल्का नहीं बनाऊंगी. मैं कहूंगी कि टीना के रोल में बहुत गहराई थी कि राहुल जैसे लड़का उसके प्यार में पड़ा. आखिर में टीना ही राहुल और अंजलि के बीच के प्यार को समझ पाती है. आप जानते हैं कि टीना में एक अच्छी दिखने वाली लड़की होने के साथ-साथ काफी गहराई भी थी.’

रानी ने यह भी कहा कि प्यार में पड़ना हर एक इंसान के लिए अलग-अलग होता है. इसलिए, किसी को उनकी पसंद की वजह से नहीं आंका जा सकता. उन्होंने आगे कहा कि जो आपको सही लगे, वह दूसरे व्यक्ति के लिए गलत हो सकता है.

 

(Source: India.com)

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