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आलिया भट्ट की Gangubai Kathiawadi का ट्रेलर रिलीज, ज़बरदस्त डायलॉग और आलिया की दमदार एक्टिंग की जमकर हो रही है तारीफ़

आखिरकार लंबे इंतज़ार के बाद आज संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी आलिया भट्ट की आनेवाली फिल्म गंगूबाई कठियावाड़ी का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। एक्ट्रेस आलिया भट्ट (Alia Bhatt) 25 फरवरी को संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी (Gangubai Kathiawadi) के साथ सिल्वर स्क्रीन पर वापसी करने के लिए तैयार हैं। पहली बार ही ट्रेलर देख कर पता चलता है की गंगूबाई काठियावाड़ी में आलिया भट्ट एकदम दबंग अवतार में नजर आ रही हैं। आलिया के साथ फिल्म में अजय देवगन और विजय राज भी हैं। 

कहानी कमाठीपुरा के उस महिला की है जिसका पति उसे वैशल्या में बेचकर भाग जाता है। यहीं उसकी मुलाक़ातमुंबई के डॉन करीम लाला से होती जो गंगूबाई को अपनी बहन मानता है और उस समय उसका साथ देता है जब कोई उसके साथ खड़ा नहीं होता।

गंगूबाई काठियावाड़ी थिएटर में  फ‍िल्‍म निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली के जन्‍मदिन के मौके पर रिलीज होने वाली है। भंसाली फिल्म्स ने एक स्‍टेटमेंट जारी कर कहा गया है कि, संजय लीला भंसाली की फ‍िल्‍म गंगूबाई काठियावाड़ी 25 फरवरी को 2022 को रिलीज होगी। इससे एक दिन पहले 24 फरवरी को संजय लीला भंसाली का जन्‍मदिन होता है। लंबे समय से इस फ‍िल्‍म की रिलीज का फैंस को इंतजार है और अब ये इंतजार खत्‍म होने जा रहा है।  

'मुंबई की माफिया क्वीन' गंगूबाई काठियावाड़ी

संजय लीला भंसाली ये फिल्म पत्रकार और लेखक एस हुसैन ज़ैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के आधार पर इस फिल्म को बना रहे हैं। हुसैन ज़ैदी ने अपनी किताब में बताया है कि, दरअसल गंगूबाई काठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास था और वह गुजरात के एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखती थीं। गंगूबाई बचपन से ही एक्ट्रेस का शौक था लेकिन परिवार कि वजह से वो अपना सपना पूरा नहीं कर पा रही थी। पिता का अच्छा ख़ासा व्यवसाय था।  कई लोग गंगूबाई के पिता के लिए काम करते थे। इस बीच उन्हें अपने पिता के अकाउंटेंट से प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली।

पति के साथ गंगूबाई शादी करने के बाद मुंबई भागकर आ गईं। यहीं से उनकी जिंदगी के सबसे बुरे पलों की शुरुआत हो गई। नाजों से पली-बढ़ी गंगा को उनके पति ने महज 500 रुपये की खातिर कोठे पर बेच दिया। कोठे पर उन्हें जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया। इस दौरान गंगूबाई बन चुकी गंगा की मुलाकात मुंबई के कई कुख्यात अपराधियों व माफिया से हुई, जो वहां ग्राहक बनकर आते थे। 

करीम लाला को बांधी राखी
उस दौर में मुंबई के एक इलाके पर कुख्यात डॉन करीम लाला का राज चलता था। कमाठीपुरा भी इसी इलाके में आता था। एक बार गंगूबाई के साथ करीम लाला के गुंडे ने रेप किया। इसका न्याय मांगने के लिए वह करीम लाला के पास गईं और इस दौरान उसे राखी भी बांधी।करीम लाला ने अपनी राखी बहन को कमाठीपुरा की कमान दे दी और तब से उस इलाके में फैसले गंगूबाई की इजाजत से होने लगे। इसके बाद गंगूबाई का ऐसा दबदबा कायम हुआ कि लोग उन्हें नाराज करने से भी डरने लगे। बड़े-बड़े माफिया, डॉन व गैंग्स के बीच भी उनका दबदबा बनने लगा।

गंगूबाई का जीवन जिस तरह बदला उसका दर्द वह कभी भूल नहीं पाईं। वह कभी भी किसी लड़की को अपने कोठों पर जबरन नहीं रखती थीं। वह किसी से जबरदस्ती की भी इजाजत नहीं देती थीं। वह सेक्सवर्कर और अनाथ बच्चों की स्थिति सुधारने के लिए भी काम करती थीं।

यूं तो गंगूबाई कमाठीपुरा के स्लम एरिया में ही रहती थीं, लेकिन उनके पास दौलत की कमी नहीं थी। 60 के दशक में वह अकेली ऐसी कोठा चलाने वाली महिला थीं जो ब्लैक बेंटले कार में ट्रैवल करती थीं। 

मुंबई में वेश्या बाजार हटाने के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ तो इसका नेतृ्त्व खुद गंगूबाई ने किया। वह भले ही 'माफीया क्वीन' कहलाती थीं लेकिन उन्होंने वेश्यावृत्ति के खिलाफ और यहां कि महिलाओं की हालत सुधारने के लिए जो कदम उठाए उसे आज भी याद किया जाता है। कमाठीपुरा में उनकी मूर्ति भी लगी है साथ ही इलाके में कई जगह उनकी तस्वीरें भी दीवार पर लगी दिखती हैं।

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