महान गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 92 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर हो गया। भारत रत्न, स्वर कोकिला, संगीत की मलिका….और न जाने कितने नामों से अपनी आवाज के दम पर करोड़ो दिलों पर राज करने वालीं लता मंगेशकर के निधन की खबर से पूरा देश स्तब्ध है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी शोक जताते हुए लिखा है।
आज स्वर युग का अंत हुआ.. मातृतुल्य आर्शिवाद नहीं रहा। लता दीदी के जाने से स्वर युग का अंत हुआ। एक महान पर्व समाप्त हुआ। हम पर जो मातृ तुल्य आर्शिवाद था आज वह समाप्त हो गया। ठाकरे और मंगेशकर परिवार के पुराने संबध है। जब मैं अस्पताल में था तब वो अक्सर फोन कर हालचाल पुछती और आर्शिवाद देती थी। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी। लता जी के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। उनकी पार्थिव देह को दोपहर 12 बजे लताकुंज स्थित घर पर ले जाया जाएगा।
नमस्कार. महाराष्ट्राचे परम दैवत श्री छत्रपति शिवाजी महाराज यांचे निस्सिम भक्त श्रद्धेय शिवसेना प्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांना त्यांच्या जयंती निमित्त माझे हृदयपूर्वक अभिवादन. pic.twitter.com/xhd9w7E3sQ
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 23, 2020
बाल ठाकरे को पिता मानती थीं
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के लिए बाल ठाकरे पिता से कम नहीं थे। ठाकरे हर मुश्किल घड़ी में लता के साथ खड़े नजर आए। यूं तो बाला साहब ठाकरे का फिल्मी दुनिया के कई कलाकारों के साथ बेहद सौहार्दपूर्ण संबंध था लेकिन लता को सबसे ऊंचा स्थान देते थे। जब बाल ठाकरे का निधन हुआ तो लता को लगा कि उनके सिर से पिता का साया एक बार फिर उठ गया।
सिर्फ लता दीदी को बताया था अब मैं नहीं बचूंगा
बाल ठाकरे लता मंगेशकर को इतना मानते थे कि अपने निधन से पहले ही उन्हें इसके बारे में जानकारी दे दी थी। एक दिन बाला साहब ने खुद लता को फोन घुमाया और उनसे कई तरह की बातें की , फिर अचानक कहा मातोश्री पर ध्यान रखना अब मेरा अंतिम समय आ गया है। मुझे नहीं लगता अब मैं बचूंगा। अपनी और बाला साहब के बीच हुई इस बातचीत के बारे में लता दी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘बाला साहब को अपने आखिरी दिनों का आभास अपने निधन से काफी पहले हो चुका था।
लता मंगेशकर के साथ अंतिम मुलाकात में वह बेहद गंभीर थे और उन्होंने कहा कि मैं बहुत थक गया हूं और अब मेरे आराम करने का समय आ गया है, शायद हम आखिरी बार मिल रहे हैं’। लता मंगेशकर ने जब बाल ठाकरे की ये बात सुनी तो भावुक हो गई थीं। उन्हें लगा की एक बाप अचानक थका हुआ लग रहा है। बाला साहब के सामने मेरी आँखों में आंसू आ गए थे। मेरे लिए उसे रोकना आसान नहीं था।