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जब बप्पी लाहिड़ी लंदन वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया था, जिमी जिमी’ बना था दुनिया का सबसे लोकप्रिय गीत

 

दिग्गज बॉलीवुड संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का आज मुंबई में निधन हो गया। बप्पी दा 69 वर्ष के थे। बप्पी लाहिड़ी को साल 2018 में उनके प्रसिद्ध गीत 'जिम्मी जिम्मी आजा अजा' के साथ वैश्विक संगीत में अपने योगदान के लिए लंदन के वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस द्वारा सम्मानित किया गया था।

सम्मानित होने के बाद तब बप्पी दा ने मीडिया को बताया था, "यह लगभग पांच दशकों और 600 से अधिक फिल्मों व अनगिनत प्रशंसा वाली एक लंबी यात्रा रही है। लेकिन जिम्मी जिम्मी के बारे में कुछ खास है। यह दुनिया के हर हिस्से में फॉलो किया गया है। इस तरह के प्यार से मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। यह मेरे प्रशंसकों का प्यार है, जो मुझे आगे बढ़ाता रहता है।"

मूल रूप से 1982 की फिल्म 'डिस्को डांसर' में मिथुन चक्रवर्ती पर चित्रित 'जिम्मी जिम्मी आजा आजा' का अनुवाद रूसी और चीनी में किया गया है और यह एडम सैंडलर के 'यू डू नॉट मेस विद जोहन' मूल गाने का हिस्सा रहा है।

बप्पी लाहिड़ी सिंथेसाइज्ड डिस्को म्यूजिक को इंडियन टच देने के लिए मशहूर रहे हैं। एक साल में उन्होंने 33 फिल्मों में काम करने पर उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। बप्पी लहरी पहले संगीतकार हैं, जिन्हें ‘चाइना अवॉर्ड’ से सम्मानित किया। उन्हें ये सम्मान ‘जिम्मी जिम्मी’ गाने के लिए दिया गया।

बप्पी दा ने सिर्फ हिन्दी या बांग्ला नहीं बल्कि मलयालम, पंजाबी, तेलुगु, कन्नड़ और उड़िया गानों में भी म्यूजिक दिया। 20 साल की उम्र में करियर शुरू करने वाले बप्पी लाहिड़ी को इसी साल जनवरी में 63वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया।

बप्पी लाहिड़ी ने कई फिल्मों में गेस्ट अपीयरेंस भी दिया है। साल 1974 में वह किशोर कुमार की फिल्म ‘बढ़ती का नाम दाढ़ी’ में बापू जिप्सियन का किरदार निभाया था। इसके बाद वो फिल्म कलाकार (1983) और बांग्ला फिल्म ‘नयन मोनी’ (1990) में भी नजर आ चुके हैं।

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