फिल्मकार इम्तियाज अली पंजाबी फिल्मों के सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ को लेकर पंजाब के पॉपुलर सिंगर रहे अमर सिंह चमकीला की बायोपिक बनाने जा रहे है।
इम्तियाज अली ,अमर सिंह चमकीला के जीवन पर बायोपिक बनाने जा रहे हैं।उन्होंने काफी पहले ही फिल्म बनाने के लिए राइट्स ले लिए थे। बताया जा रहा है कि अमर सिंह चमकीला की बायोपिक में दिलजीत दोसांझ लीड रोल करेंगे। जब इम्तियाज की तरफ से यह फिल्म दिलजीत को ऑफर की गई तो उन्होंने तुरंत फिल्म के लिए हां कह दिया क्योंकि अमर सिंह चमकीला उनकी प्रेरणा रहे थे।
बताया जा रहा है कि पहले अमर सिंह चमकीला की बायोपिक के लिए आयुष्मान खुराना और फिर कार्तिक आर्यन का नाम सामने आया था। लेकिन दोनों ही फिल्म के लिए फिट नहीं बैठे। मेकर्स को फिल्म के लिए किसी ऐसे एक्टर की जरूरत थी जो गाना भी गा सके। दिलजीत एक्टिंग और सिंगिंग दोनों ही पैमानों पर खर उतरते हैं। दिलजीत अमर सिंह चमकीला के ऑरिजनल गानों को अपनी आवाज देंगे और उनका फिल्म में इस्तेमाल होगा।
27 साल के इस गायक को गोलियों से कर दिया था छलनी
अमर सिंह चमकीला एक बेखौफ गायक थे जो अपनी बातों को अपने गीतों के जरिए समाज के सामने परोसते थे। अपनी इस बेबाकी की वजह से ही वह कई लोगों की आंखों में खटकते भी थे। उनका अपना एक बैंड भी था जिसमें दो लोग और उनकी पत्नी अमरजोत सिंह चमकीला थे, जिनके साथ वह गाना भी गाते और तुम्बी भी बजाया करते थे। वह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी मशहूर थे। उनके सुपरहिट गानों में ललकारे नाल और कुछ धार्मिक गीत बाबा तेरा ननकाना, तलवार मैं कलगीधार दी शामिल रहे थे।
अमर सिंह चमकीला का जन्म 21 जुलाई 1960 को लुधियाना के डुग्री गांव में हुआ था। पढाई पूरी करने के बाद वह इलेक्ट्रीशियन बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें नौकरी एक कपड़े की मिल में मिली। उन्हें संगीत का शौक था तो कुछ सालों में वह हारमोनियम और ढोलकी बजाना सीख गए। 18 साल की उम्र में उनका मिलना सुरेंद्र शिंदा से हुआ, तब सुरेंद्र को पता लगा कि अमर सिंह कितने प्रतिभाशाली थे। फिर सुरेंद्र और अमर ने एक साथ काम करना शुरू कर दिया, और अमर सिंह ने अपने नाम के आगे चलकीला लगा लिया। जिसके बाद कुछ ही समय में उनकी शादी भी हो गई।
वह अकसर अपने गाने में दुनिया की सच्चाई लोगों के सामने रखते थे। इसके चलते उनके गानों को लोग पसंद करने लगे, फिर धीरे धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई। कुछ समय बाद चमकील ने सोनिया शिंदा के साथ मिलकर स्टेज परफॉर्मेंस देने लगे था। दरअसल सोनिया शिंदा, सुरेंद्र शिंदा के साथ गाया करती थीं, लेकिन सुरेंद्र जब कनाडा के टूर पर गए थे तब वह अपने साथ एक और लोकप्रिय सिंगर गुलशन कोमल ले गए थे। जिसके चलते सोनिया ने चमकीला को कहा कि वह अपनी एक एलबम रिकॉर्ड करें। जिसके बाद 1981 में दोनों ने मिलकर आठ गाने रिकॉर्ड किए, एलबम बापू साडा गुम हो गया के नाम से।
एक रहस्यमयी हत्या
8 मार्च 1988 को एक मोटरसाइकिल गिरोह ने अमर सिंह चमकीला को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया था। गायक की हत्या का दोषी आतंकवादियों को माना गया। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना था कि अमर पंजाब के बेहतरीन गायक थे। इस वजह से दूसरे गायकों ने साजिश करके उन्हें मार डाला। यही कारण है कि इस गायक की मौत अब तक राज बनी हुई है।