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राज कपूर ने मारा था शशि कपूर को चांटा, बायोग्राफी में हुआ खुलासा

राज कपूर की बेटी रितु नंदा ने हाल ही में राज कपूर पर अपनी बुक लॉन्च की, जहां उन्होंने कई ऐसे खुलासे किए, जो अब खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. कपूर खानदान के सभी भाई एक साथ नजर आए, जब उनकी बहन रितु नंदा की बुक 'राज कपूर- द वन एन्ड ओनली शोमैन' लांच की गई. इस मौके पर उन्होंने कई खुलासे किए, जो बेहद चौंकानेवाले थे. इस मौके पर रितु ने अपने विचार लोगों के सामने रखें.

उन्होंने कहा 'एक पहुंचे हुए फिल्म मेकर होने की वजह से हम अपने पिता को कभी कभार ही देख पाते थे. जब मैं बड़ी हो रही थी, तब मां कृष्णा ने मुझे फिल्म इंडस्ट्री से दूर रखा.' रितु ने क्या बताया कि 'मैं अपने पिताजी से उन नोट्स के जरिए बात करती थी, जो मेरे सोने के बाद वह मेरे तकिए के नीचे रख जाया करते थे.' इस किताब पर बात करते हुए स्वर्गीय शशि कपूर ने भाई राज कपूर के बारे में एक वाकया बताया था, उन्होंने कहा कि 'बड़े भाई होने के नाते उनसे मेरा बहुत स्नेह था. मैंने अपने माता-पिता से कभी मार नहीं खाई, लेकिन एक बार अपनी मां से गलत लहजे में बात करने की वजह से राज जी ने मुझ पर हाथ उठाया था. जिसके बाद मैंने खुद को रूम में बंद कर लिया और रोने लगा. हालांकि राज जी ने मुझे संभालने की कोशिश की, पर जब मैंने रोना बंद नहीं किया, तो उनकी भी आंखों में आंसू आ गए.'

वे अपनी पत्नी से भी बेहद प्यार करते थे. उनकी पत्नी कृष्णा ने बताया 'जब वे घर पर आराम से बैठे रहते थे, तब वह मुझसे हमेशा कहा करते थे कि मैं तुम्हारे लिए बेहद बुरा महसूस करता हूं.' राज कपूर अक्सर अपनी पत्नी के लिए कहा करते थे कि 'मैं अपने उन दिनों को वापस कैसे लाऊं? पर शो बिजनेस ऐसा ही है, जहां पत्नी को पति की जिम्मेदारियां समझनी पड़ती है. क्योंकि वह भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़े रहते हैं. कृष्णा ने मेरा घर बनाया है.'

राज कपूर के मुताबिक नरगिस से उनकी पहली मुलाकात उनके मरीन ड्राइव वाले फ्लैट में हुई थी. जहां उन्होंने उनकी फिल्म 'आग' के लिए हामी भरी थी. इस दौरान जब राज कपूर ने नरगिस के घर की बेल बजाई, तो दरवाजा खुलते ही वे उन्हें देखते रह गए. उन्होंने कहा था, 'वह किसी परी से कम नहीं थी.' इस पर रितु ने बताया कि 'मेरे पिताजी नरगिस जी की बेहद इज्जत करते थे. उन्होंने साथ में एक अच्छी जोड़ी बनाई और दोनों बेहद टैलेंटेड थे. पिताजी हर उस एक्ट्रेस के काम से जुड़ जाते थे जो उनके साथ काम करती थी. क्योंकि वह मानते थे कि एक्टर को हमेशा डायरेक्टर के सामने ईमानदार रहना चाहिए.'

इस किताब में राज कपूर के दूसरे कई अनुभव, क्रिकेट को लेकर उनकी रुचि और किसानी को लेकर उनका प्यार इन सब के बारे में बताया गया है.

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