हमेशा हमेशा के लिए सो गया सो गया अपने संतूर की दुनिया का महान महान साधक। आज मुंबई के जुहू शमशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार हो गया। पंडित शिवकुमार शर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके बेटे राहुल शर्मा ने उन्हें मुख्याग्नि दी। इस बीच उन्हें उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उनके चाहने वालों की भीड़ लगी रही। आज सुबह जुहू के उनके घर पर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। जिसके बाद एम्बुलेंस से उन्हें पवन हंस शमशान भूमि लाया गया। यहीं सभी अंतिम क्रिया के बाद उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदा कर दिया गया।
Our cultural world is poorer with the demise of Pandit Shivkumar Sharma Ji. He popularised the Santoor at a global level. His music will continue to enthral the coming generations. I fondly remember my interactions with him. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2022
भारतीय संगीत को कल एक और झटका तब लगा जब मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का हार्ट अटैक के बाद निधन हो गया। वो अपने पीछे विरासत में शास्त्रीय संगीत का अनमोल धरोहर छोड़ गए हैं। पंडित जी कोअपनी श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई के उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ जुटी है। पंडित शिवकुमार शर्मा के पार्थिव शरीर को सुबह 8 बजे ही से अंतिम दर्शन के जुहू में रखा गया था।
पंडित शिवकुमार शर्मा किसी पहचान के मौहताज नहीं है।1986 में संगीत नाटक अकेडमी अवार्ड 1991 में पद्म श्री, 2001 में पद्मविभूषण और न जाने देश विदेश कितने सम्मानों से सम्मानित किया गया था।
पंडित शिवकुमार शर्मा के परिवार ने जानकरी दी है की किसी को ऐसी उम्मीद नहीं थी। वो बिलकुल हमेशा की तरह अपने काम को कर रहे थे। उन्हें देख कर कोई कह नहीं सकता था की उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ है। उनका एक कार्यक्रम भोपाल में था वो उसमे शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। पिछले कई महीनों से उनके किडनी का भी इलाज चल रहा था। परिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें मंगलवार को सुबह के वक्त हार्ट अटैक पड़ा। पंडित शिवकुमार शर्मा ने पाली हिल्स स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।