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भारत के 'कॉफी किंग' वीजी सिद्धार्थ की ज़िन्दगी पर बनेगी फिल्म, टी-सीरीज दिखायेगा उनके अर्श से फर्श तक का पूरा सफर 

वीजी सिद्धार्थ, भारत के सफल कारोबारियों में एक ऐसा नाम जिनकी पहचान नाम से अधिक काम से है। कैफे कॉफी डे के फाउंडर ने कभी 5 लाख रुपये के साथ अपने सफर की शुरुआत की और आज वह भारत के 'कॉफी किंग' कहे जाते हैं। 1 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति के मालिक सिद्धार्थ का कारोबारी सफर बेहद रोचक और प्रेरक रहा है। लेकिन एक दिन अचानक शहर के मशहूर कैफे चेन सीसीडी के फाउंडर वीजी सिद्धार्थ का शव मिला। वीजी सिद्धार्थ जो कर्नाटक के पूर्व सीएम एस एम कृष्णा के दामाद थे। लापता होने से पहले अपने आखिरी लेटर में उन्होंने कर्ज में डूबे होने की बात लिखी थी। उन्होंने लिखा था कि वह एक उद्यमी के तौर पर असफल रहे। हालांकि, उनके सफर पर नजर डालें तो इसमें सफलताओं की कमी नहीं है।

अब उनकी ही ज़िन्दगी पर एक फिल्म बनाने जा रही है। टी-सीरीज और ऑलमाइटी मोशन पिक्चर ने इस प्रोजेक्ट के लिए हाथ मिलाया है। मेकर्स ने इस प्रोजेक्ट की आधिकारिक घोषणा कर दी है। टी-सीरीज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस फिल्म का ऐलान किया है।

टी-सीरीज ने अपने पोस्ट में लिखा, 'कर्मा मीडिया एंटरटेनमेंट के सहयोग से टी-सीरीज फिल्म्स, प्रभलीन संधू और ऑलमाइटी मोशन पिक्चर ने बिजनेसमैन की बायोपिक के लिए ऑडियो-व्यूजअल राइट्स हासिल किए हैं और इसे पाकर हम बेहद खुश हैं।'

 

दिवंगत सिद्धार्थ की बायोपिक को पर्दे पर देखना किसी रोमांच से कम नहीं होगा। फिलहाल फिल्म के कलाकारों की घोषणा नहीं की गई है। यह बायोपिक आने वाली किताब 'कॉफी किंग: द स्विफ्ट राइज एंड सडेन डेथ ऑफ कैफे कॉफी डे फाउंडर VG सिद्धार्थ' पर आधारित होगी। इस किताब को खोजी पत्रकार रुक्मिणी बीआर और प्रोसेनजीत दत्ता ने लिखा है। इसे पैन मैकमिलन (इंडिया) द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। कर्मा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट के प्रोड्यूसर शैलेश आर सिंह ने इस प्रोजेक्ट को लेकर अपना अनुभव साझा किया है। उन्होंने कहा, "यह मेरे करियर के सबसे रोचक प्रोजेक्ट में से एक है।"

टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने कहा, "हर कोई कैफे कॉफी डे को एक ब्रांड के रूप में जानता है। हम देश की सबसे बड़ी रिटेल चेन की सह-स्थापना करने वाले व्यक्ति की दिलचस्प बायोपिक को लाने के लिए काफी उत्साहित हैं।" ऑलमाइटी मोशन पिक्चर की प्रभलीन ने कहा, "कैफे कॉफी डे भारत के सबसे प्रिय ब्रांडों में से एक है और हम स्क्रीन पर इसके वास्तुकार सिद्धार्थ की कहानी की सभी बारीकियों को सामने लाएंगे।"

यूं हुई सफर की शुरुआत 
विरासत पर नहीं रहे निर्भर कर्नाटक के चिकमंगलुरु में वीजी सिद्धार्थ का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जो लंबे समय से कॉफी उत्पादन से जुड़ा हुआ था। मैंगलुरु यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में मास्टर डिग्री लेने वाले सिद्धार्थ चाहते तो विरासत में मिली खेती से आराम से जिंदगी गुजार सकते थे। लेकिन युवा सिद्धार्थ काफी महत्वाकांक्षी थे और अपने दम पर कुछ करना चाहते थे।

महज 21 साल की उम्र में जब उन्होंने पिता से कहा कि वह मुंबई जाना चाहते हैं तो उन्हें पिता ने 5 लाख रुपये के साथ यह छूट भी दी कि यदि वह असफल हो जाएं तो वापस आकर परिवार का कारोबार संभाल सकते हैं। सिद्धार्थ ने 3 लाख रुपये में जमीन खरीदी और 2 लाख रुपये बैंक में जमा कर लिए। इसके बाद वह मुंबई आ गए और जेएम फाइनैंशल सर्विसेज (अब जेएम मॉर्गन स्टैनली) में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में काम की शुरुआत की। यहां वह 2 साल रहे और इस दौरान उन्होंने शेयर बाजार की अच्छी समझ हासिल कर ली।

सिद्धार्थ की नौकरी अच्छी चल रही थी, लेकिन वह अपना कारोबार शुरू करना चाहते थे। वह नौकरी छोड़कर बेंगलुरु वापस आ गए और बचे हुए 2 लाख रुपये से वित्तीय कंपनी खोलने का फैसला किया। उन्होंने सिवान सिक्यॉरिटीज के साथ अपने सपने को साकार किया। बाद में यह कंपनी साल 2000 में way2wealth securities ltd बनी। सिद्धार्थ इसे बेहद सफल निवेश बैंकिंग और स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी बनाने में सफल रहे।

कैफे कॉफी डे ने दिलाई पहचान करीब एक दशक तक फाइनैंशल सर्विसेज में हाथ आजमाने के बाद सिद्धार्थ ने 1996 में कॉफी कैफे डे की शुरुआत की। उनका यह कारोबार बेहद सफल रहा और इसने भारत में कॉफी के बिजनस को नई दिशा दी। कंपनी के पास आज 1,750 कैफे हैं। भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, कराची, दुबई और चेक रिपब्लिक में भी कंपनी के आउटलेट हैं। इनमें 5 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। सीसीडी ऑर्गनाइज्ड कैफे सेगमेंट की मार्केट लीडर है। इसका सीधा मुकाबला टाटा ग्रुप की स्टारबक्स के अलावा अपेक्षाकृत छोटी कैफे चेंस बरिस्ता और कोस्टा कॉफी से है। स्टारबक्स के भारत में 146 स्टोर हैं। हालांकि, पिछले दो साल में सीसीडी के विस्तार की रफ्तार घटी है। कर्ज तो बढ़ा ही है, चायोस और चाय पॉइंट सरीखी टी कैफे से भी चुनौती मिल रही है। सीसीडी ने वित्त वर्ष 2018 में 90 स्मॉल फॉरमेट स्टोर बंद किए थे।

 

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