आज बॉलीवुड के मोगैंबो अमरीश पुरी का जन्म दिन है। अगर आज वो ज़िंदा होते आज 90 साल के होते। अमरीश को हिंदी सिनेमा के सबसे खतरनाक और पॉपुलर विलेन में से एक समझा जाता था, लेकिन इनका शुरुआती सफर मुश्किलों भरा रहा था। अमरीश का जन्म 22 जून 1932 को लाहौर में हुआ था।
अमरीश लाल पुरी उर्फ अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब के नवनशहर में हुआ था। एक बार उन्होंने बताया था कि गदर एक प्रेम कथा फिल्म उनके लिए बेहद खास है, क्योंकि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें गेयटी थिएटर जाने का मौका मिला था। सन् 1970 में उन्होंने फिल्म प्रेम पुजारी से हिंदी सिनेमा जगत में डेब्यू किया था। उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया है। अमरीश पुरी अपनी आवाज पर रोज 3 घंटे का अभ्यास करते थे। इसी कारण फिल्मों में उनकी आवाज कठोर और बेखौफ लगती थी।
जानते हैं उनकी ज़िन्दगी से जुडी कुछ ख़ास बातें
2005 में कह गए थे अलविदा
अमरीश पुरी का निधन 12 जनवरी 2005 को 72 साल की उम्र में हो गया था। वे माइलोडीस्प्लास्टिक सिंड्रोम नाम के एक ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे।
शिमला में पूरी की थी पढ़ाई
उन्होंने शिमला से अपनी पढ़ाई पूरी की है। यहीं अमरीश गेयटी थिएटर से जुड़े. एक बार उन्होंने बताया था कि गदर एक प्रेम कथा फिल्म उनके लिए बेहद खास है, क्योंकि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें गेयटी थिएटर जाने का मौका मिला था।
नहीं हो पाए थे पास
अमरीश पुरी ने फिल्मों में आने के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया था लेकिन वे इसमें पास नहीं हो पाए। फिर उन्होंने एंप्लोइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरशन (ESIC) में 21 साल तक काम किया। काम के वक्त भी वे थिएटर से जुड़े रहे।
400 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
थिएटर में उन्होंने महान लेखक सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नाड के साथ काम किया। सन् 1970 में उन्होंने फिल्म प्रेम पुजारी से हिंदी सिनेमा जगत में डेब्यू किया था। उन्होंने लगभग 400 फिल्मों में काम किया है।
मोगैंबो खुश हुआ
अमरीश पुरी को सबसे ज्यादा फिल्म मिस्टर इंडिया में उनके रोल मोगैंबो के लिए याद किया जाता है। इसमें उनका डायलॉग मोगैंबो खुश हुआ आज भी लोगों को अच्छी तरह याद है।
पॉजीटिव रोल्स भी निभाए
कई फिल्मों जैसे रेश्मा और शेरा, सलाखें, जानी दुश्मन, नागिन, राम लखन, अंधा कानून, मशाल आदि फिल्मों में विलेन का रोल निभाने के अलावा उन्होंने पॉजीटिव रोल्स भी निभाए हैं।
रोज 3 घंटे अभ्यास
अमरीश पुरी अपनी आवाज पर रोज 3 घंटे का अभ्यास करते थे। इसी कारण फिल्मों में उनकी आवाज कठोर और बेखौफ लगती थी।
‘जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी’
फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में उनका डायलॉग ‘जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी’ बहुत मशहूर हुआ था। इस डायलॉग को लेकर कई मीम्स भी बनाए जाते हैं।
ये किरदार भी खूब आया था पसंद
घातक में सनी देओल के साथ उनके बीमार बाप के किरदार को लोगों ने खूब सराहा था। विरासत, परदेस, इतिहास जैसी कई फिल्मों में उन्होंने सकारात्मक रोल किए हैं।
ये ऑफर भी मिला था
अमरीश पुरी की एक्टिंग इतनी जबरदस्त थी कि उन दिनों के हॉलीवुड डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग ने उन्हें अपनी फिल्म इंडियाना जोन्स: द टेंपल ऑफ डूम में विलेन के किरदार में कास्ट किया था।
ESIC में भी किया काम
अमरीश पुरी के पर्सनल लाइफ की बात करें तो ESIC में काम के दौरान उन्हें उर्मिला दिवेकर से प्यार हो गया था। बाद में दोनों ने शादी कर ली।