29 दिसंबर, 1942 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था. उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक था. फिल्मों में उनके आने का किस्सा बेहद रोचक है. आइए जानते हैं उनके बारे में ये दिलचस्प बातें...
1) जिस तरह से आज टीवी के जरिये टैलेंट हंट किया जाता है, कुछ इसी तरह काम 1965 यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेअर ने किया था. वे नया हीरो खोज रहे थे. फाइनल में दस हजार में से आठ लड़के चुने गए थे, जिनमें एक राजेश खन्ना भी थे. अंत में राजेश खन्ना विजेता घोषित किए गए.
2) राजेश खन्ना का वास्तविक नाम जतिन खन्ना है. अपने अंकल के कहने पर उन्होंने नाम बदल लिया.
3) 1969 से 1975 के बीच राजेश ने कई सुपरहिट फिल्में दीं. उस दौर में पैदा हुए ज्यादातर लड़कों के नाम राजेश रखे गए.
4) फिल्म इंडस्ट्री में राजेश को प्यार से काका कहा जाता था. जब वे सुपरस्टार थे तब एक कहावत बड़ी मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका.
5) 29 दिसम्बर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना स्कूल और कॉलेज जमाने से ही एक्टिंग की ओर आकर्षित हुए. उन्हें उनके एक नजदीकी रिश्तेदार ने गोद लिया था और बहुत ही लाड़-प्यार से उन्हें पाला गया.
6) राजेश ने फिल्म में काम पाने के लिए निर्माताओं के दफ्तर के चक्कर लगाए. स्ट्रगलर होने के बावजूद वे इतनी महंगी कार में निर्माताओं के यहां जाते थे कि उस दौर के हीरो के पास भी वैसी कार नहीं थी.
7) प्रतियोगिता जीतते ही राजेश का संघर्ष खत्म हुआ. सबसे पहले उन्हें ‘राज’ फिल्म के लिए जीपी सिप्पी ने साइन किया, जिसमें बबीता जैसी बड़ी स्टार थीं.
8) राजेश की पहली प्रदर्शित फिल्म का नाम ‘आखिरी खत’ है, जो 1966 में रिलीज हुई थी.
9) 1969 में रिलीज हुई आराधना और दो रास्ते की सफलता के बाद राजेश खन्ना सीधे शिखर पर जा बैठे. उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया गया और लोगों के बीच उन्हें अपार लोकप्रियता हासिल हुई.
10) सुपरस्टार के सिंहासन पर राजेश खन्ना भले ही कम समय के लिए विराजमान रहे, लेकिन यह माना जाता है कि वैसी लोकप्रियता किसी को हासिल नहीं हुई जो राजेश को हासिल हुई थी.
11) लड़कियों के बीच राजेश खन्ना बेहद लोकप्रिय हुए. लड़कियों ने उन्हें खून से खत लिखे. उनकी फोटो से शादी कर ली. कुछ ने अपने हाथ या जांघ पर राजेश का नाम गुदवा लिया. कई लड़कियां उनका फोटो तकिये के नीचे रखकर सोती थी.
12) स्टूडियो या किसी निर्माता के दफ्तर के बाहर राजेश खन्ना की सफेद रंग की कार रुकती थी तो लड़कियां उस कार को ही चूम लेती थी. लिपिस्टिक के निशान से सफेद रंग की कार गुलाबी हो जाया करती थी.
13) निर्माता-निर्देशक राजेश खन्ना के घर के बाहर लाइन लगाए खड़े रहते थे. वे मुंहमांगे दाम चुकाकर उन्हें साइन करना चाहते थे.
14) पाइल्स के ऑपरेशन के लिए एक बार राजेश खन्ना को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. अस्पताल में उनके इर्दगिर्द के कमरे निर्माताओं ने बुक करा लिए ताकि मौका मिलते ही वे राजेश को अपनी फिल्मों की कहानी सुना सके.
15) राजेश खन्ना को रोमांटिक हीरो के रूप में बेहद पसंद किया गया. उनकी आंख झपकाने और गर्दन टेढ़ी करने की अदा के लोग दीवाने हो गए.
16) राजेश खन्ना द्वारा पहने गए गुरु कुर्त्ते खूब प्रसिद्ध हुए और कई लोगों ने उनके जैसे कुर्त्ते पहने.
17) आराधना, सच्चा झूठा, कटी पतंग, हाथी मेरे साथी, मेहबूब की मेहंदी, आनंद, आन मिलो सजना, आपकी कसम जैसी फिल्मों ने आय के नए रिकॉर्ड बनाए.
18) आराधना फिल्म का गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू...’ उनके करियर का सबसे बड़ा हिट गीत रहा.
19) आनंद फिल्म राजेश खन्ना के करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जा सकती है, जिसमें उन्होंने कैंसर से ग्रस्त जिंदादिल युवक की भूमिका निभाई.
20) राजेश खन्ना की सफलता के पीछे संगीतकार आरडी बर्मन और गायक किशोर का अहम योगदान रहा. इनके बनाए और राजेश पर फिल्माए अधिकांश गीत हिट साबित हुए और आज भी सुने जाते हैं. किशोर ने 91 फिल्मों में राजेश को आवाज दी तो आरडी ने उनकी 40 फिल्मों में संगीत दिया.
21) अपनी फिल्मों के संगीत को लेकर राजेश हमेशा सजग रहते थे. वे गाने की रिकॉर्डिंग के वक्त स्टुडियो में रहना पसंद करते थे और अपने सुझावों से संगीत निर्देशकों को अवगत कराते थे.
22) मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ राजेश खन्ना की जोड़ी को काफी पसंद किया गया. मुमताज के साथ उन्होंने 8 सुपरहिट फिल्में दी.
23) मुमताज ने शादी कर फिल्म को अलविदा कहने का मन बना लिया. उनके इस निर्णय से राजेश को बहुत दु:ख हुआ.
24) शर्मिला और मुमताज, जो कि राजेश की लोकप्रियता की गवाह रही हैं, का कहना है कि लड़कियों के बीच राजेश जैसी लोकप्रियता बाद में उन्होंने कभी नहीं देखी.
25) आशा पारेख और वहीदा रहमान जैसी सीनियर एक्ट्रेस के साथ भी उन्होंने काम किया. खामोशी में राजेश को वहीदा के कहने पर ही रखा गया.