दर्शकों ने फिल्मों की बहुत विकसित पसंद का विकल्प चुनते हुए, अभिनव और दिलचस्प विषयों वाली फिल्मों को अपने मनोरंजन के लिए चुना. बॉलीवुड ने दर्शकों के स्वाद और उपभोग पैटर्न में बदलाव देखा जहां दर्शकों ने नए और विविध विषयों के प्रति अपना रुझान जाहिर किया.
गाजी अटैक, ट्रैप्ड, नाम शबाना, पूर्णा: करेज हैज़ नो लिमिट, हिंदी मीडियम, बरेली की बर्फी, शुभ मंगल सावधान, न्यूटन, सीक्रेट सुपरस्टार, करीब करीब सिंगल, जैसी कंटेंट फिल्में इस साल बॉक्स ऑफिस पर विजयी रही.
दर्शकों की बदलती रुचि को समझते हुए बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं ने कई ऐसे विषयों की पेशकश की, जो प्रकृति में प्रयोगात्मक थी और इससे पहले तक अछूता थी.
"ट्रैप्ड" ने इस वर्ष राजकुमार राव द्वारा दिए गए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए वाहवाही जीती. एक फ्लैट में फंसकर अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे एक व्यक्ति की मनोरंजक कहानी ने समीक्षकों और दर्शक दोनों को ही अपनी तरफ आकर्षित किया था.
'नाम शबाना' और 'गाजी अटैक' ने एक एक्शन फिल्म के प्ररूपी प्रतिमान को चुनौती देते हुए दर्शकों के दिलों को जीत लिया. भारतीय एजेंट की महिला केंद्रित कहानी साहस की प्रेरणादायक कहानी साबित हुई थी. सच्ची घटनाओं के आधार पर, 'गाजी अटैक' ने रहस्यमय परिस्थितियों का पता लगाया, जिसके तहत पनडुब्बी पीएनएस गाजी विशाखापत्तनम के तट पर 1971 में डूब गई थी.
पूर्णा मालावथ पर आधारित बायोपिक 'पूर्णा', माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की लड़की की कहानी है जिसने सभी बाधाओं के खिलाफ जा कर पनी यात्रा और अपने सपनों को हासिल करने के दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया.
'शुभ मंगल सावधान' और 'हिंदी मीडियम' ने स्तंभन दोष जैसे असाधारण विषयों को छुआ जिसने न केवल एक सामाजिक संदेश दिया बल्कि दर्शकों का मनोरंजन भी किया.
कम बजट में बनी 'बरेली की बर्फी' भी बॉक्स ऑफिस पर विजयी रही और एक स्लीपर हिट साबित हुई. इस मजेदार प्रेम त्रिकोण में विशिष्ट नायिका को एक साधारण अभिनेत्री के गैर-परंपरागत सांचे में ढाला गया जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगभग 34 करोड़ का बिजनेस करने में सक्ष्म रही.
भारतीय ब्लैक कॉमेडी 'न्यूटन' नक्सली इलाकों में एक सरकारी क्लर्क के चुनाव ड्यूटी पर आधारित थी. फिल्म में राजकुमार राव के शानदार प्रदर्शन ने सभी तिमाहियों से प्रशंसा प्राप्त की.
बड़ौदा के छोटे से शहर की 'सीक्रेट सुपरस्टार' एक बड़ी हिट साबित हुई थी. कम बजट बनी यह फिल्म अपने बजट से चार गुना कमाई करने में कामयाब रही थी. परिवार प्रतिरोध के कारण बिना नाम बताए अपने सपनो को पूरा करने वाली उस लड़की की कहानी ने बखूबी दर्शको को अपनी तरफ आकर्षित किया और परिणामस्वरूप फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दिया. 15 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुल 60 करोड़ रुपये जमा किए.
इरफान खान और पार्वती द्वारा अभिनीत 'करीब करीब सिंगल' को अपनी असाधारण प्रेम कहानी के लिए सरहाया गया, जिसमें आधुनिक रिश्तों को खूबसूरती से दर्शकों के सामने पेश किया गया था.
जहां एक तरफ फीचर फिल्मों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया, वही इस वर्ष बॉलीवुड ने 'सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स' और 'एन इंसिगनिफ़िकेन्ट मैन' नामक दो डॉक्यूमेंट्री भी देखी. क्रिकेट के ईश्वर के जीवन पर आधारित इस डॉक्यूमेंट्री को विश्वभर में दर्शकों ने खूब पसंद किया जिसके परिणामस्वरूप यह 80.57 करोड़ रुपये का बिजनेस करने में सफल रही. नॉन-फिक्शन राजनीतिक थ्रिलर 'एन इंसिगनिफ़िकेन्ट मैन' को दर्शकों, आलोचकों और फिल्म बिरादरी आदि सभी से अविश्वसनीय प्रतिक्रिया हासिल हुई.
बड़े पर्दे पर दर्शकों को लुभाने के अलावा, निर्माताओं ने डिजिटल स्पेस में भी कदम रखा, जहां एक बार फिर कंटेंट का बोलबाला रहा.
एक्सेल एंटरटेनमेंट की 'इनसाइड एज' पहली बार ओटीटी स्पेस में दाखिल हुए और बड़ी सफलता के रूप में उभरी. 10 एपिसोड सीरीज ने क्रिकेट के खेल के विभिन्न पहलुओं को दिखाया और दर्शकों के साथ तालमेल बिठाया.
2013 में दर्शकों का मनोरंजन करने के बाद, फुक्रे के निर्माता फिल्म की अगली कड़ी 'फुक्रे रिटर्न्स' के साथ तैयार है. चार फुक्रो की कहानी ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था जिसके तहत फिल्म की अगली कड़ी का बेसब्री से इंतेज़ार किया जा रहा है.
यह साल एक प्रयोगात्मक साल साबित हुआ जहां दिलचस्प और अभिनव विषयों ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी कामयाब रही.