By  
on  

आर बाल्की ने खत्म की साइकोलोजिकल थ्रिलर फिल्म 'चुप' का टीज़र जारी, मशहूर एक्टर गुरु दत्त की है कहानी 

आर बाल्की की मोस्ट अवेटेड आगामी साइकोजिलोजिकल थ्रिलर फिल्म को लेकर फैंस काफी उत्साहित हैं। आज इस फिल्म का टीज़र भी जारी कर दिया गया। फिल्म दिग्गज कहे जाने वाले अभिनेता, निर्देशक और निर्माता रहे गुरु दत्त की ज़िन्दगी से जुडी बताई जा रही है। गुरु दत्त ने महज 39 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली थी और उनके निधन ने इंडस्ट्री को गहरा झटका दिया था। फिल्म में सनी देओल, श्रिया धन्वन्तरी के साथ दुलकीर सलमान भी नजर आने वाले हैं।

दुलकीर सलमान ने फिल्म का पहला टीज़र शेयर करते हुए लिखा है, आप हम सबके लिए प्रेरणा हैं। #GuruDutt जी #ChupRevengeOfTheArtist" आपको समर्पित। 

टीज़र में सलमान ज़मीन पर बैठकर श्रिया के लिए कागज़ के फूल बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं और फिर वो कहते हैं की गुरु दत्त के जन्मदिन पर कागज़ के फूल, कागज़ के फूल को उस वक़्त बड़ा क्रिटिसाइज़ किया था न। ठीक इसके बाद गुस्से में लाल सनी देओल का चेहरा सामने आता है और फिर आवाज़ आती है 'चुप'। 

थ्रिलर फिल्म के बारे में बात करते हुए आर बाल्की ने कहा, 'चुप एक संवेदनशील कलाकार के लिए एक गाना है और गुरु दत्त उस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। मेरे पास लंबे वक्त से कहानी है औऱ मुझे खुशी है कि हमने आखिरकार इसे लिखा और इसे शूट किया है। 

कौन थे गुरु दत्त ?

हिंदी फिल्म जगत में गुरुदत्त एक ऐसी शख्सियत थे, जिनकी पहली पसंद अभिनय कभी नहीं रहा, लेकिन फिर भी लोग उनके सरल, संवेदनशील और स्वाभाविक अभिनय का लोहा मानते थे।वह उन बेहतरीन कलाकारों में से थे जिनकी अदाकारी की मिसाल आज भी दी जाती है। बेंगलुरु में 9 जुलाई 1925 को जन्मे गुरुदत्त का असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। उनका बचपन बेहद कष्टमय रहा। पढ़ाई में अच्छे होने के बावजूद परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वह कभी कॉलेज नहीं जा सके। लेकिन कला के क्षेत्र में कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने विश्वस्तरीय फिल्म निर्माता और निर्देशक के रूप में अपनी पहचान बनाई। 

बॉलीवुड में गुरुदत्त वर्ष 1944 से 1964 तक सक्रिय रहे।इस दौरान उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं। कुछ फिल्मों में खुद अभिनय भी किया, जबकि कुछ का केवल निर्देशन किया। उन्होंने गायिका गीता दत्त से सन् 1953 में विवाह किया। उनकी पहली फीचर फिल्म 'बाजी' (1951) देवानंद की नवकेतन फिल्म्स के बैनर तले बनी थी। इसके बाद दूसरी सफल फिल्म 'जाल' (1952) बनी, इसके बाद 'बाज' (1953) 'प्यासा' (1957), 'कागज के फूल' (1959) और 'साहब, बीबी और गुलाम' (1962)। गुरुदत्त ने 'सीआईडी' में वहीदा रहमान को लिया और हिंदी फिल्म जगत को एक प्रतिभावान अभिनेत्री दी। 'प्यासा' व 'कागज के फूल' जैसी फिल्मों ने वहीदा को कीर्तिस्तंभ की तरह स्थापित कर दिया।

क्‍या गुरु दत्त ने आत्‍महत्‍या की थी?

इस दिग्‍गज कलाकार की 10 अक्‍टूबर 1964 को महज 39 साल की उम्र में मौत हो गई। मुंबई के पेड्डर रोड स्‍थ‍ित किराये के घर में गुरु दत्त की लाश मिली थी। बताया गया कि उनकी मौत बहुत अध‍िक शराब पीने और नींद की गोलियों के कारण हुई। लेकिन मौत को लेकर शंकाएं (Guru Dutt Death Mystery) तब भी जाहिर की गई थीं और आज भी उनकी मौत इंडस्‍ट्री के लिए एक सवाल ही है।

जब उनकी लाश मिली, तो हर कोई चौंक गया। ऐसी चर्चाएं शुरू हो गईं कि गुरु दत्त ने आत्‍महत्‍या (Suicide) की है। कुछ ने इसे ओवरडोज (Drug Overdose) के कारण मौत माना। गुरु दत्त को लेकर आत्‍महत्‍या की चर्चा इसलिए भी हुई, क्‍योंकि वह इससे पहले 2 बार ऐसी कोश‍िश कर चुके थे! हालांकि, उनके बेटे अरुण ने यही माना कि उनके पिता की मौत दुर्घटनावश शराब और नींद की गोलियों के मिश्रण से हुई है। 

अरुण ने तब कहा था, 'मेरे पिता को नींद नहीं आने की बीमारी थी। लेकिन उन्होंने किसी दूसरे इंसान की तरह ही इसके लिए नींद की गोलियां खाते थे। उस दिन वह नशे में थे और उसने अधिक मात्रा में गोलियां ले ली थीं, जिससे उसकी मौत हो गई। अध‍िक शराब और नींद की गोलियों का यह मिश्रण घातक था।'

Recommended

PeepingMoon Exclusive