बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक्स का जैसे दौर सा चल पड़ा है। लोग महान हस्तियों की जिंदगी पर आधारित फिल्मों को देखना खूब पसंद कर रहे हैं। एथलीट मिल्खा सिंह, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, बॉक्सर मैरी कॉम और गीता फोगाट की जीवनी पर आधारित फिल्मों के बाद अब लोग जल्द ही साइना नेहवाल और संजय दत्त की बायोपिक्स पर फिल्में आ चुकी हैं। आपको बता दें कि इसी लिस्ट में अब एक और भी नाम जुड़ सकता है, और यह नाम है मधुबाला का। 90 के दशक में इंडस्ट्री का सबसे आकर्षक चेहरा रहीं मधुबाला की बहन मधुर बृज चाहती हैं कि उनकी जिंदगी पर फिल्म बने और करीना कपूर इसमें मधुबाला का किरदार निभाएं। बता दें कि अब तक किसी फिल्ममेकर ने यह घोषणा नहीं की है कि वह मधुबाला की बायोपिक पर काम करने जा रहा है।
अब खबर है की मधुबाला की ज़िन्दगी पर जल्द फिल्म बनने जा रही है और इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है। मधुबाला की सबसे छोटी बहन मधुर बृज भूषण शक्तिमान के निर्माताओं के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को प्रोड्यूस करेंगी। उन्होंने इसकी पुष्टि की है की उनकी कई मेकर्स के साथ इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस से फिल्म के लिए बात चल रही है तो वहीं एक नामी फिल्ममेकर से भी फिल्म के लिए चर्चा हो रही है। फिल्म की शूटिंग अगले साल यानी साल 2023 में शुरू होगी।
मधुबाला हिंदी सिनेमा में वह न केवल अपने शानदार अभिनय बल्कि बेइंतहा खूबसूरती के लिए जानी जाती थी। वो अपने करियर में बहुत सफल रहीं और उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया है। लेकिन उनकी निजी जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी हुई थी। मधुबाला के जीवन कई अनसुने किस्से हैं, जिसे लोग नहीं जानते हैं। ऐसे में अब उनके जीवन से जुड़े हर किस्से को फिल्म के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
14 फरवरी 1933 को दिल्ली के पश्तून मुस्लिम परिवार में जन्मी मधुबाला अपने 10 भाई बहनों में पांचवी संतान थीं। उनके बचपन का नाम मुमताज़ बेग़म जहां देहलवी था। कहा जाता है कि एक ज्योतिषी ने उनके माता-पिता से कहा था कि मुमताज़ अत्यधिक ख्याति तथा सम्पत्ति अर्जित करेगी लेकिन उसका जीवन बहुत तकलीफों भरा होगा। यह बात सुन कर उनके पिता उन्हें लेकर दिल्ली से मुम्बई एक बेहतर जीवन की तलाश मे आ गए। मधुबाला ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म बसंत से सन् 1942 में की थी। जहां तक उनके नाम का सवाल है तो मुमताज ने अपना करियर बेबी मुमताज के नाम से शुरू किया था लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलकर मुमताज रख लिया। मुमताज अपने चेहरे के भावों से बातों को बयां करने में माहिर थीं उन्हें एक आदर्श भारतीय नारी के तौर पर पर्दे पर देखा जाता था।