By  
on  

एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह बनाएंगी सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव की बायोपिक : 19 साल में परमवीर चक्र पाने वाला वो फ़ौजी, जो 15 गोलियां लगने के बाद भी लड़ता रहा

राजस्थान के जोधपुर में जन्मी बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह आर्मी परिवार से आती हैं। चित्रांगदा सिंह आर्मी अफसर की बेटी हैं और उनके भाई दिग्विजय सिंह गोल्फर हैं। हमेशा से ही चित्रांगदा को सेना और राष्ट्र भक्ति से लगाव रहा है। वो हमेशा कहती रहीं हैं की वो सेना के लिए कुछ करना चाहती हैं। और अब शायद ये वक़्त आ गया है। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से होम साइंस में ग्रेजुएशन किया है। कॉलेज के दिनों से ही चित्रांगदा मॉडलिंग करने लगी थीं। उसी दौरान उन्हें कई बड़े विज्ञापन मिले। बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि पहली बार अभिनेत्री अल्ताफ राजा की एल्बम 'तुम तो ठहरे परदेसी' से लोगों की नजरों में आईं। जबकि, बॉलीवुड में उन्होंने फिल्म सॉरी भाई से कदम रखा। लंबे फिल्मी करियर के बावजूद चित्रांगदा अभिनय में वो शोहरत हासिल नहीं कर पाईं जिसकी वो हकदार हैं।

अब चित्रांगदा अदाकारी से फिल्म निर्माण की तरफ रूख कर रही हैं। हालाँकि बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह ने बतौर प्रोड्यूसर 'सूरमा' का निर्माण किया था। ये फिल्म भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह की सच्ची कहानी पर आधारित थी। इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ और तापसी पन्नू नजर आई थी।

चित्रांगदा सिंह ने अपने प्रोडक्शन हाउस के अंतरगत एक और इंस्पिरेशनल स्टोरी बनाने के राइट्स हासिल कर लिया हैं। ये फिल्म सूबेदार योगेंद्र यादव की बहादुरी की कहानी होगी। बता दें, सुबेदार योगेंद्र यादव ने कारगिल वॉर की लड़ाई लड़ी थी और अब तक 19 साल की सबसे कम उम्र में परमवीर चक्र हासिल करने वाले पहले शख्स हैं।

शरीर में 15 गोलियां लगी थीं, लेकिन वह झुके नहीं और भारत को जीत दिलाई

कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना किसी भी कीमत पर सेक्टर द्रास की टाइगर हिल पर अपना कब्ज़ा चाहती थी। इसी के तहत 4 जुलाई ,1999 को 18 ग्रेनेडियर्स के एक प्लाटून को टाइगर हिल के बेहद अहम तीन दुश्मन बंकरों पर कब्ज़ा करने का दायित्व सौंपा गया था। इन बंकरों तक पहुंचने के लिए ऊंची चढ़ाई करनी थी।  ये चढ़ाई आसान नहीं थी। मगर प्लाटून का नेतृत्व कर रहे योगेन्द्र यादव ने इसे संभव कर दिखाया। 

इस संघर्ष के दौरान उनके शरीर में 15 गोलियां लगी थीं, लेकिन वह झुके नहीं और भारत को जीत दिलाई।  इस युद्ध के बाद योगेन्द्र सिंह यादव को 19 साल की उम्र में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।  योगेन्द्र सबसे कम उम्र के सैनिक हैं, जिन्हें यह सम्मान प्राप्त है।  हाल ही में उन्हें 'Rank of Hony Lieutenant' से नवाज़ा गया। 

चित्रांगदा सिंह कहती हैं, मैं उन रियल हीरोज की कहानियां सुनाने के लिए बहुत उत्साहित हूं, जिन्हें कई बार भुला दिया जाता है फिर भले ही वे अभी भी हमारे बीच क्यों न मौजूद हो। हमें उनके सफर को ग्लोरिफाई करने की जरूरत है। यह वही करने की एक और कोशिश होगी जो मैंने सूरमा के साथ ट्राई किया था।

Recommended

PeepingMoon Exclusive