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पर्दे पर सिल्क स्मिता के जीवन को उतारने वाली विद्या बालन को बचपन से ही रहा है एक्‍ट्रेस बनने का शौक

जन्मदिन कैसे मनाती हैं ?
अक्सर परिवार के साथ ही जन्मदिन मनाना पसंद करती हूं, उनकी मौजूदगी से दिन कब बीत जाता है, पता ही नहीं चलता.

अमिताभ बच्चन के साथ कई बार काम किया है आपने ?
जी, हर बार बच्चन साब के साथ नया काम करने को मिला, 'पा' में उनकी मां बनी थी, लेकिन टेक्स के बीच में भी उनके करीब नहीं जाती थी, बचपन से ही मैं उनकी फैन रही हूं, जब भी कैमरा ऑन होता है तो मैंने उन्हें बतौर कैरेक्टर ही पाया है. और कैमरा ऑफ होते ही मैंने कोने में जाकर बैठ जाती थी. बहुत ही बेहतरीन अदाकार हैं. मुझे यकीन ही नहीं होता की एक ही एक्टर 5 -7 डिफरेंस में अलग अलग किरदार कैसे निभा सकता है, इसीलिए अमित जी हमेशा आपको सरप्राईज करते हैं.

विद्या बालन का मतलब 'सरप्राईज' होता है, इस बात से कितना इत्तेफाक रखती हैं ?
ये बहुत अच्छी बात है, मैं बहुत जल्दी चीजों से बोर हो जाती हूं, यही कारण है की हमेशा कुछ अलग करना चाहती हूं. अलग अलग किरदार निभाने की कोशिश करती हूं. इसीलिए शायद दर्शक मुझसे जुड़ते हैं, मुझे आशा है की मैं उन्हें हमेशा अच्छे सरप्राईजेस देती रहूंगी.

ऑन लोकेशन हुई कुछ घटनायें शेयर करें ?
देखिए जब मैं शूट कर रही होती हूं तो एक अलग दुनिया में रहती हूं. हाल ही में 'कहानी 2' फिल्म की शूटिंग के दौरान अचानक से एक कुत्ते ने भौंकते हुए मेरा टांग पकड़ लिया और मैं जोर से चिल्लाई और पीछे मुड़ी तो देखा की वो कुत्ता नहीं बल्कि अर्जुन रामपाल थे. तो उन्होंने मजाक किया था.

लोग आपकी फिल्मों को देखते हैं तो उन्हें खान्स या कपूर्स की याद नहीं आती ?
( हंसते हुए ) बीच में आने लगी थी जब मैंने 'बॉबी जासूस' की थी , वैसे ये बड़ा कॉम्पलिमेंट है, मैं अपने लिए अपनी दुनिया में अहम और सर्वश्रेष्ठ हूं, मुझे रोल की लेंथ से कोई प्रॉब्लम नहीं होती, लेकिन उस रोल में कुछ मजा होना चाहिए. मुझे अच्छे डायरेक्टर्स के साथ काम करने का अवसर भी मिला है.

सफलता और विफलता को कैसे लेती हैं?
ये दोनों बातें हमारी जर्नी का हिस्सा हैं, विफलता पर दुःख होता है, गुस्सा भी आता है, लगता है की ये दुनिया बड़ी बेरहम है, उस दौरान अगर किसी और की फिल्म चलती है तो जलन भी होती है, पहले मुझे जलन नहीं होती थी, अचानक से फिल्में नहीं चलती तो गुस्सा आता है. हर फिल्म की किस्मत है. अगर मैं इस दौर से नहीं गुजरती तो मुझे मेरे 'जलन' वाले हिस्से के बारे में पता नहीं चलता.

आप किसी सोशल काम से जुड़कर आने वाले रिजल्ट को कैसे देखती हैं ?
जब मैं 'निर्मल भारत अभियान' से जुडी तो मुझे पता नहीं था की क्या करना है, लेकिन धीरे धीरे उस बदलाव का हिस्सा बनी. काफी चीजें बदली, ऐसे कामों से जुड़कर अच्छा लगता है.

आपके भीतर वो बाकी सितारों वाले टैंट्रम नहीं हैं?
मैंने एक ही सपना देखा था, की मैं एक्टर बनू, और मैं उस ड्रीम को जी रही हूं. मैं एक्टर बनी, मुझे अच्छा काम मिल रहा है, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती हूं की अपना 100 % काम करूं. मैं कोई टैंट्रम ना कभी की और ना ही करूंगी, मुझे मेरा जो जॉब है, वो करना बेहद पसंद है.

आप किसे स्टार मानती हैं ?
अमिताभ बच्चन, मेरे लिए वो सच्चे स्टार हैं, जिस तरह से वो अभी भी काम के लिए तत्पर रहते हैं, वो काबिल-ए-तारीफ है. मेरे बहन के पांच साल के बच्चे भी अमिताभ बच्चन को जानते हैं .एक ही ऐसा नाम है जिसे पूरे विश्व को बहुत से लोग जानते हैं.

इस जेनेरेशन के कुछ एक्टर जिनके साथ आप काम करना चाहें?
आलिया भट्ट मुझे बहुत अच्छी लगती है, बहुत अच्छी एक्ट्रेस हैं, श्रद्धा कपूर बेउटीफुल हैं, वरुण धवन मुझे बहुत अच्छे लगते हैं, साथ आदित्य रॉय कपूर बेस्ट लुकिंग एक्टर्स में से एक हैं. वरुण की एनर्जी और डांसिंग बहुत अच्छा लगता है.

बॉक्स ऑफिस कितना मायने रखता है ?
बॉक्स ऑफिस से पता चलता है की ज्यादा से ज्यादा लोगों ने यह फिल्म देखी है, बॉक्स ऑफिस के नंबर्स को आप कंट्रोल नहीं कर सकते, अगर सारा ध्यान बॉक्स ऑफिस पर ही रहेगा, तो काम करने में मुश्किल होती है.

क्या आप हमेशा लीड रोल ही करना चाहती हैं?
ऐसा नहीं है, अगर स्क्रिप्ट अच्छी है तो सामने कोई भी को- एक्टर हो, फिल्म करने में मजा आता है लेकिन आजकल डायरेक्टर्स पहले ही अपने मन में बना लेते हैं की विद्या को ये स्क्रिप्ट अच्छी नहीं लगेगी, अरे एक बार मुझ तक स्क्रिप्ट लेकर तो आइये, मुझे पढ़ने का मौका तो दीजिये.

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