फिल्म प्रोड्यूसर मुश्ताक़ नाडियाडवाला की याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से यह पता लगाने के लिए कदम उठाने को कहा कि फिल्म निर्माता के बच्चे कहां हैं और उनकी मदद क्यों नहीं की जा रही है । साथ ही कोर्ट ने कहा कि निर्माता को इस मामले में दर-दर भटकने के लिए मजबूर नहीं करें। नाडियाडवाला ने दावा किया है कि उनके दो बच्चों – नौ साल का बेटा और छह साल की एक बेटी – को उनकी पाकिस्तानी पत्नी और उनके परिवार ने 2020 से पाकिस्तान में अवैध रूप बंधक बना कर रखा है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पी के चव्हाण की खंडपीठ नाडियाडवाला द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके दो नाबालिग बच्चों की सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
प्रोड्यूसर ने याचिका में कहा कि उनके बच्चे पाकिस्तान विजिटिंग वीजा पर गए थे, जो कि साल 2021 में ही खत्म हो चुका है। इसके बावजूद भी मरियम ने उनके 9 साल के बेटे और 6 साल की बेटी को अवैध रूप से पाकिस्तान में रखा हुआ है। मुश्ताक का कहना है यह इमिग्रेशन कानून के खिलाफ है, ऐसे में उनके बच्चों को भारत वापस भेजना चाहिए। वहीं, जज नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की। क्योंकि यह मामला दो देशों का है ऐसे में कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
मुश्ताक ने याचिका में यह भी दावा किया है कि उनकी पत्नी उन्हें बिना कारण बताए भारत लौटने से मना कर दिया है। ऐसे में हो सकता है कि मरियम ने परिवार ने उनका ब्रेनवॉश कर या उन्हें जबरन पाकिस्तान में रहने पर मजबूर किया हो।
याचिका के अनुसार मुश्ताक और मरियम चौधरी की प्रेम कहानी लंदन से शुरू हुई थी। कुछ समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद साल 2012 में कपल शादी कर ली। इसके बाद मरियम भारत आ गईं और उन्होंने यहां की नागरिकता के लिए अप्लाई कर दिया। इसी बीच उनके दो बच्चे हुए।
हालांकि साल 2020 में वो अपने बच्चों को लेकर पाकिस्तान चली गईं, जहां पर उन्होंने साल 2021 में लाहौर की अदालत में बच्चों की लीगल गार्जियनशिप के लिए पिटीशन फाइल की। इस पिटीशन को लाहौर कोर्ट ने मंजूरी दे दी।