बॉलीवुड स्टार अजय देवगन की स्पोर्ट्स फिल्म मैदान अगले साल 17 फरवरी को रिलीज होगी। इस फिल्म के जरिये वह एक बार फिर प्रशंसकों के दिल पर राज करेंगे।अजय की मैदान अज्ञात नायक सैयद अब्दुल रहीम की सच्ची कहानी है, जिसने भारत को गौरवान्वित किया। यह भारतीय फुटबॉल के स्वर्ण युग पर आधारित है।बधाई हो फेम अमित रवींद्रनाथ शर्मा द्वारा निर्देशित मैदान में प्रियामणि, गजराज राव और जाने-माने बंगाली अभिनेता रुद्रनील घोष भी हैं।
जी स्टूडियोज, बोनी कपूर, आकाश चावला और अरुणव जॉय सेनगुप्ता द्वारा निर्मित, पटकथा और संवाद क्रमश: साईविन क्वाड्रास और रितेश शाह द्वारा लिखे गए हैं।फिलहाल, अजय अपनी फिल्म थैंक गॉड की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा, रकुल प्रीत सिंह और नोरा फतेही भी हैं। फिल्म का निर्देशन इंद्र कुमार ने किया है।
साल 1950 से 1962 एक समय ऐसा भी था जब इसे ‘एशिया का ब्राजील’ कहा जाता था। भारतीय फुटबॉल टीम के कोच और मैनेजर रहे Syed Abdul Rahim ने फुटबॉल जगत में काफी सम्मान हासिल किया है। उन्हें भारतीय फुटबॉल के स्वर्ण युग में ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है।रहीम एक ऐसे फाइटर माने जाते हैं जिन्होंने कैंसर से जूझते हुए भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता था। सैयद अब्दुल रहीम 1950 से 1963 तक भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच और मैनेजर थे।
कैंसर से जूझ रहे रहीम ने जिता दिया गोल्ड
जिस समय 1962 में जकार्ता एशियन गेम्स खेले जा रहे थे तब भारतीय टीम के कोच सैयद अब्दुल रहीम कैंसर से जूझ रहे थे। भारतीय टीम का फाइनल मैच साउथ कोरिया की टीम से होना था। यह टीम बहुत मजबूत थी और भारतीय टीम के दो खिलाड़ी घायल और गोलकीपर बीमार थे। हालांकि यह कोच का ही जुझारूपन था कि ये तीनों ही खिलाड़ी फाइनल खेलने उतरे और भारत ने मैच 2-1 से अपने नाम करते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया। भारतीय टीम की जीत के अगले साल 1963 में ही सैयद अब्दुल रहीम की कैंसर से जूझते हुए मौत हो गई।