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PeepingMoon Exclusive: Voot कि अगली सीरीज़ में ट्रांसजेंडर 'गौरी सावंत' का किरदार निभाएंगी सुष्मिता सेन, रवि जाधव कर रहे हैं डायरेक्शन  

ट्रांसजेंडर 'गौरी सावंत' जो पिछले कई साल से बेसहारा किन्नरों के हितों के लिए काम कर रही हैं। वही ट्रांसजेंडर गौरी सावंत जिन्हें खुद सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने विशेष तौर पर अपने शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में बुलाया था। गौरी सावंत जिनके जीते जी उनके पिता ने उनका त्याग कर दिया था, अब गौरी की लाइफ में बहुत बड़ा ट्विस्ट आ गया है। उनकी ज़िन्दगी पर वेब सीरीज़ बनने जा रही है। और उनका किरदार कोई और नहीं बल्कि मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन निभाने जा रहीं हैं। पीपिंग मून को खबर मिली है कि सुष्मिता ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की शूटिंग शुरू कर दी है। इस वेब सीरीज निर्देशन मराठी फिल्ममेकर रवि जाधव डायरेक्ट कर रहे हैं।

पीपिंगमून को एक्सक्लूसिव लगी जानकरी के मुताबिक, ये सीरीज़ गौरी सावंत की बायोपिक होगी जिसे 6 एपिसोड में दिखाया जाएगा। इसकी कहनी गौरी के बचपन से लेकर आज तक के फेम पर आधारित है। सूत्रों की मानें तो इस किरदार को निभाने के लिए सुष्मिता ट्रांसजेंडर गौरी सावंत के साथ कई कई घंटे समय बिता रहीं हैं। ताकि वो उनकी दुनिया और तरीकों को समझ सकें। इस वेबसीरीज में फेमस ट्रांस एक्टिविस्ट गौरी सावंत की  की लाइफ के अलग-अलग फेज दिखाए जाएंगे। वेब सीरीज में दिखाया जाएगा कि आखिर किस तरह गौरी सावंत भारत की पहली ट्रांसजेंडर मां बनीं।

कौन हैं गौरी सावंत ?
 
ट्रेन एक्टिविस्ट गौरी ने विक्स के एक ऐड में एक्टिंग के बाद खूब सुर्खियां बटोरी थी। इसमें वे एक छह साल की बच्ची के साथ नजर आईं थी। ऐड में दिखाया गया, एक लडको को उसके पेरेंट्स अकेला छोड़ इस इस दुनिया से चले गए हैं। उस बच्ची को 'मम्मी' (गौरी सावंत) ने गोद लिया है। वीडियो की शुरुआत गायत्री से ही होती है, जो एक बस में बैठी है और बोर्डिंग स्कूल लौटने की तैयारी कर रही है। वह बताती है कि उसकी मां चाहती हैं कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने, लेकिन वह वकील बनना चाहती है, ताकि अपनी 'मम्मी' की मदद कर सके। इस ऐड में बच्ची गायत्री तथा उसे गोद लेने वाली मां गौरी सावंत के बीच के गहरे रिश्ते के बारे में बताया गया है। वीडियो में गायत्री आगे बताती है कि पहली बार वह अपनी 'मम्मी' से कैसे मिली थी। पिता को उसने कभी नहीं देखा, और जब वह बहुत छोटी थी तब बॉयोलॉजिकल मां भी गुजर गई।'मम्मी' उसे अपने घर ले आई थीं। उसने वीडियो में उन सारे पलों का जिक्र किया जिसमें उसने अपनी 'मम्मी' के साथ जिया है।

36 वर्षीय ट्रांसजेंडर गौरी का जन्म मुंबई में दादर के एक मराठा परिवार में हुआ है। माता-पिता ने उन्हें गणेश नंदन नाम दिया था। उनके पिता सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) थे। अपनी सेक्सुएलिटी के बारे में पिता से बात न कर पाने की वजह से गौरी ने छोड़ा था। कुछ साल पहले उन्होंने वेजिनोप्लास्टी कराई थी। वे घर से भागे हुए ट्रांसजेंडर्स के लिए मलाड के मलवाणी में 'सखी चार चौगी' नाम से आश्रय स्थल चलाती हैं।
 
पिता ने जिंदा रहते किया अंतिम संस्कार?

गौरी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, उनके घर से भाग जाने के बाद उनके पेरेंट्स ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। उनके पिता ने उनसे कहा कि वे उनके लिए मर चुकी हैं। गौरी अब चाहती हैं कि जो परेशानियां उन्होंने झेली वे दूसरे ट्रांसजेंडर न झेले। वे चाहती हैं कि अगली पीढ़ी को स्वीकार्यता, शिक्षा और रोजगार सब कुछ मिले। उन्होंने 2009 में ट्रांसजेंडर्स को मान्यता दिलाने के लिए अदालत में पहला हलफनामा दाखिल किया था। नाज फाउंडेशन ने उनकी अपील को आगे बढ़ाया, जिसे नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने जनहित याचिका का रूप दे दिया। इस याचिका की सुनवाई के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को कानूनी पहचान दी।

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