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अब मैं Taali - बजाऊँगी नहीं, बजवाऊँगी ! सुष्मिता सेन अगली सीरीज़ का फर्स्ट लुक किया शेयर, ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत की ज़िन्दगी पर बन रही है सीरीज़

पीपिंगमून ने सबसे पहले ही ये खबर बताई थी कि पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन अपनी अगली सीरीज़ में ट्रांसजेंडर का किरदार निभाने वाली हैं। वो ट्रांसजेंडर 'गौरी सावंत' का किरदार करेंगी जो पिछले कई साल से बेसहारा किन्नरों  के हितों के लिए काम कर रही हैं। उनकी ज़िन्दगी पर वेब सीरीज़ बनने जा रही है। और उनका किरदार कोई और नहीं बल्कि मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस और पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन निभाने जा रहीं हैं। पीपिंग मून को खबर मिली थी कि सुष्मिता ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की शूटिंग शुरू कर दी है। इस वेब सीरीज निर्देशन मराठी फिल्ममेकर रवि जाधव डायरेक्ट कर रहे हैं।

आज पहली बार सुष्मिता सेन का गौरी सावंत वाला लुक सामने आया है। उसी तरह जुड़े वाले बाल, चेहरे पर बड़ा बिंदी और कानों में कई साड़ी बालियान और सख्त लुक। गौरी वाले इस लुक को खुद सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है। इसके साथ सुष्मिता ने लिखा है कि मुझे फक्र है कि मैं इस बेहद मज़बूत इरादों वाली शख्सियत का किरदार निभाने जा रहीं हूँ। ये मेरे लिए गर्व कि बात है। #duggadugga "

36 वर्षीय ट्रांसजेंडर गौरी का जन्म मुंबई में दादर के एक मराठा परिवार में हुआ है। माता-पिता ने उन्हें गणेश नंदन नाम दिया था। उनके पिता सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) थे। अपनी सेक्सुएलिटी के बारे में पिता से बात न कर पाने की वजह से गौरी ने छोड़ा था। कुछ साल पहले उन्होंने वेजिनोप्लास्टी कराई थी। वे घर से भागे हुए ट्रांसजेंडर्स के लिए मलाड के मलवाणी में 'सखी चार चौगी' नाम से आश्रय स्थल चलाती हैं।
 

पिता ने जिंदा रहते किया अंतिम संस्कार?

 

गौरी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, उनके घर से भाग जाने के बाद उनके पेरेंट्स ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। उनके पिता ने उनसे कहा कि वे उनके लिए मर चुकी हैं। गौरी अब चाहती हैं कि जो परेशानियां उन्होंने झेली वे दूसरे ट्रांसजेंडर न झेले। वे चाहती हैं कि अगली पीढ़ी को स्वीकार्यता, शिक्षा और रोजगार सब कुछ मिले। उन्होंने 2009 में ट्रांसजेंडर्स को मान्यता दिलाने के लिए अदालत में पहला हलफनामा दाखिल किया था। नाज फाउंडेशन ने उनकी अपील को आगे बढ़ाया, जिसे नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने जनहित याचिका का रूप दे दिया। इस याचिका की सुनवाई के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को कानूनी पहचान दी।

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