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आखिर क्यों नयनतारा और विग्नेश शिवन के सरोगेसी से हुए जुड़वा बच्चे की जांच कराएगी तमिलनाडु सरकार ? लगे गंभीर आरोप 

दक्षिण भारत का सबसे पावरफुल कपल नयनतारा और विग्नेश शिवान माता-पिता बन गए हैं। कपल के घर जुड़वा बेटों का जन्म हुआ है। सोशल मीडिया पर विग्नेश ने बच्चों के साथ तस्वीरें शेयर की और यह खुशखबरी प्रशंसकों को दी। नयनतारा और विग्नेश इसी साल 9 जून को शादी के बंधन में बंधे थे। शादी की रस्में बेहद धूमधाम से निभाई गई थीं जहां शाहरुख खान, एआर रहमान, सूर्या, रजनीकांत सहित दूसरे बड़े सितारे पहुंचे थे। अब शादी के 4 महीने बाद कपल के घर किलकारियां गूजी हैं। लेकिन अब इस मामले में एक नया ट्विस्ट आ गया है। खबर है की नयनतारा और विग्नेश शिवन के सरोगेसी से हुए जुड़वा बच्चे की जांच कराएगी तमिलनाडु सरकार। 

दरअसल कई कानूनी विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में कुछ एक मामले को छोड़कर सरोगेसी के जनवरी से अवैध घोषित कर दिया गया है। अब नयनतारा और विग्नेश के मामले में तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में कपल से स्पष्टिकरण मांगेगी। उन्होंने कहा कि वे जांच करेंगे कि क्या सरोगेसी के सारे नियम फॉलो किए गए या नहीं। 

सूत्रों की मानें तो इस मामले में तमिलनाडु सरकार को कई शिकायत मिली थी कि, नयनतारा और उनके पति ने अपने रसूख का फायदा उठाकर नियमों का उलंघन किया है। और इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए की ट्विन बच्चों के जन्म लेकर सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का सही से पालन किया गया था या नहीं। इन सवालों के बाद ही तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहे हैं। अभी यह साफ नहीं है कि इस मामले में सरोगेसी के रूल्स को फॉलो किया गया था या नहीं। 

इस विवाद की एक बड़ी वजह ये है की नियमतः भारत में किसी भी कपल के लिए सरोगेसी का रास्ता शादी के पांच सालों बाद ही अपनाने का नियम है।  लेकिन नयनतारा और विग्नेश की शादी को कुछ महीने ही हुए हैं। 

क्या है सरोगेसी के नियम
जनवरी 2022 से भारत में सरोगेसी को अवैध कर दिया है सिर्फ उन केस को छोड़कर जहां मेडिकल कंडीशन ऐसी है कि कपल कभी नेचुरली पैरेंट नहीं बन सकता. अब सोमवार को चेन्नई में प्रेस मीट के दौरान एक पत्रकार ने मा सुब्रमण्यम से पूछा कि अगर कोई कपल जिसकी शादी 4 महीने पहले हुई है वो सरोगेसी के जरिए पैरेंट्स बन सकते हैं या वही टाइम की कोई रेस्ट्रिक्शन है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मिनिस्टर ने जवाब दिया कि चिकित्सा सेवा निदेशालय को जांच करने और स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया जाएगा.

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