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खाकी द बिहार चैप्टर में दिखेगा 90 के दशक का बिहार, कुख्यात अपराधियों और ईमानदार पुलिस अफसर की जंग को क्राइम थ्रिलर बनाकर ला रहे हैं नीरज पांडेय - IPS अमित लोढ़ा की किताब पर है आधारित 

बिहार के सिंघम कहे जाने वाले और 90 के दशाल में सीधे कुख्यात अपराधियों से लोहा लेने वाले आईपीएस (IPS) अफसर अमित लोढ़ा की किताब बिहार डायरीज पर फिल्म बनकर तैयार है। ए वेडनेसडे’, ‘स्पेशल 26’, ‘बेबी’, ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ जैसी फिल्म बनाने वाले प्रोड्यूसर नीरज पांडे बना रहे हैं। इस फिल्म की स्ट्रीमिंग सीधे OTT प्लैटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर दिखाया जाएगा। ये फिल्म बिहार के कुख्यात अपराधी विजय सम्राट और अशोक महतो के पकड़े जाने की सच्ची कहानी पर आधारित है। यह सीरीज कानून के दो किनारों पर खड़े दो लोगों के बीच संघर्ष की कहानी है- एक खूंखार गिरोह का सरगना है और दूसरा भारतीय पुलिस सेवा का एक बेहद ईमानदार अधिकारी अमित लोढ़ा। 

यह शो जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर आएगा।  नीरज पांडे के लिए यह नेटफ्लिक्स पर पहला शो होगा।  वह इससे पहले डिज्नी प्लस हॉटस्टार के साथ ‘स्पेशल ऑप्स’ जैसे शो में काम कर चुके हैं।  नेटफ्लिक्स और अपनी आगामी सीरीज पर नीरज ने एक बयान में कहा, “मैं हमारी आगामी सीरीज ‘खाकी-द बिहार चैप्टर’ के लिए नेटफ्लिक्स के साथ फ्राइडे स्टोरीटेलर्स की साझेदारी की घोषणा कर बहुत उत्साहित हूं”।  बता दें, फ्राइडे स्टोरीटेलर्स उनके प्रोडक्शन बैनर का नाम है। 

कौन हैं अमित लोढ़ा: 

अमित, 1998 बैच के आईपीएस अफसर हैं और वह राजस्थान के रहने वाले हैं। अमित लोढ़ा ने शानदार रणनीति के जरिए कई कुख्यात अपराधियों को पकड़ा है। बिहार के ‘सुपर कॉप’ कहे जाने वाले अमित लोढ़ा चर्चा में उस वक्त आए थे, जब उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद शेखपुरा के खतरनाक अपराधी विजय सम्राट को पकड़ा था। इसी के चलते उन्हें वीरता पुरस्कार से भी नवाजा गया था। गया में आईजी के तौर पर अमित लोढ़ा की पहली पोस्टिंग थी।

उस अपराधी ने की 50 लोगों की हत्‍या
आईपीएस अमित लोढ़ा कहते हैं कि बिहार पुलिस में रहते हुए इन्‍होंने उस दुर्दांत अपराधी को पकड़ने में सफलता भी हासिल की, जिसने 50 से ज्‍यादा लोगों की हत्‍या की थी। वह एक-एक रात में 10-10 लोगों को एक साथ मार देता था। चार जिलों में राज था। वह राजनीतिक पहुंच भी रखता था। उसके गुर्गे AK47 लेकर साथ घूमते थे। वह 2003 में चार पांच पुलिसकर्मियों की हत्‍या करके नवादा जेल से भाग गया था। उसने एक सांसद, विधायक व बीडीओ तक की हत्‍या कर डाली थी।

उस दुर्दांत अपराधी के नरसंहार करने के बाद उसका खौफ काफी बढ़ गया था। उन्‍हीं दिनों बिहार सरकार ने उसके इलाके शेखपुरा में अमित लोढ़ा की पोस्टिंग की। अमित लोढ़ा के लिए उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण था, क्‍योंकि उसे राजनीति संरक्षण भी था। उस अपराधी के कई महिलाओं से संबंध थे। उन्‍हीं की मदद से अमित लोढ़ा ने चायक्‍य नीति अपनाते हुए उसे पकड़ने की योजना बनाई। यह बात 2004-2005 की है। तब आईपीएस अमित लोढ़ा उसके फोन कॉल तक बातचीत तक सुना करते थे। इस पूरे किस्‍से को अमित लोढ़ा ने अपनी किताब 'बिहार डायरीज' में विस्‍तार से बताया है।

 

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