By  
on  

'मैंने कोशिश की होती तो शायद मेरा बेटा ज़िंदा होता, अपने बेटे को आत्महत्या करने से मैं नहीं रोक सका' खुद को दोषी मानने लगा था: कबीर बेदी

मशहूर बॉलीवुड एक्टर कबीर बेदी ने पहले ही अपनी ऑटोबायोग्राफी 'स्टोरीज़ आई मस्ट टेल: दी इमोशनल लाइफ़ ऑफ़ एन एक्टर' का बुक कवर रिवील किया। किताब उन्होंने पिछले साल लॉकडाउन के वक़्त लिखी थी। इस बुक में कबीर ने अपनी पर्सनल लाइफ से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक के जुड़े बेहद निजी और अनसुने किस्से बयां किए हैं। इन्हीं में से एक हैं उनके बेटे की ख़ुदकुशी का मामला।

उन्होंने अपनी किताब में बताया है की कैसे 90 के दशक में वह अपनी जिंदगी के सबसे खराब दौर से गुजरे। साथ ही उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ की मौत पर खुलकर बात की। बता दें कि सिद्धार्थ कबीर की पहली पत्नी प्रोतिमा के बेटे थे। वह महज 26 साल के थे। सिद्धार्थ ने साल 1990 के दशक में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था और बाद में वे सिजोफ्रेनिया से पीड़ित पाए गए और उन्होंने साल 1997 में आत्महत्या कर ली थी। तब से कबीर इस मामले में ज्यादा बात नहीं करते हैं।

एक्टर ने हाल ही में एक निजी चैनल से बातचीत की है। उन्होंने अपने संस्मरण ‘स्टोरीज आई मस्ट टेल’ के बारे में बात करते हुए कहा कि ‘मैंने किताब में जो कुछ भी लिखा है वह मेरे दिल से लिखा है। मैंने अपनी त्रासदियों के बारे में भी विस्तार से लिखा है। किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं की क्योंकि मैंने जो कुछ भी लिखा है वह सच है। इसमें छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। मेरे जीवन में उतार-चढ़ाव आए। दिवालिया हुआ, गलतियां हुई, जिन्हें मैंने किताब में लिखा है। खराब निवेश के कारण मुझे बहुत नुकसान हुआ।’

एक्टर ने आगे कहा कि ‘खराब निवेश के कारण मुझे बहुत नुकसान हुआ। यह सब तब हुआ जब मेरा बेटा सिजोफ्रेनिया से जूझ रहा था। मैंने अपने बेटे को आत्महत्या करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका और मैंने खुद में दोषी महसूस किया।’

कबीर ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि ‘मैं ऑडिशन के लिए जाता था और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है। ऐसे में कई प्रोजेक्ट्स मेरे हाथ से निकल गए। मैं मानसिक रूप से तबाह हो गया था और वहां से मैंने खुद को फिर से कैसे बनाया, यह सब मेरी जर्नी का हिस्सा है।’ बता दें कि कबीर बेदी ने 1971 में फिल्म हलचल से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।

Recommended

PeepingMoon Exclusive