भारत और बांग्लादेश मोदी और शेख हसीना के नेतृत्व में दोस्ती और सहयोग की नई ईबारत लिख रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कौन था वो आदमी जिसके दम पर पाकिस्तान से अलग होकर नया मुल्क बना बांग्लादेश। वो व्यक्ति थे भारतीय सेना के जनरल 'सैम बहादुर' यानि जनरल एसएचएफ मानेकशॉ। जिनके नेतृत्व में भारत ने दुनिया का भूगोल बदलते हुए पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से को काटकर अलग मुल्क की इबारत लिख दी। अब जनरल एसएचएफ मानेकशॉ की ज़िन्दगी पर फिल्म सैम बहादुर बन रही है। जिसमे बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल उनका किरदार कर रहे हैं।
मेघना गुलजार (Meghna Gulzar) निर्देशित फिल्म 'सैम बहादुर' (Sam Bahadur) में विकी के साथ फिल्म में फातिमा सना शेख (Fatima Sana Shaikh) और सान्या मल्होत्रा (Sanya Malhotra) भी प्रमुख किरदारों में नजर आएंगे। सोशल मीडिया पर फिल्म का एक टीजर शेयर करते हुए बताया गया है कि फिल्म की रिलीज में 365 दिन ही बाकी हैं।
सैम मानेकशॉ की बायोपिक सैम बहादुर 1 दिसंबर 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म में सान्या मल्होत्रा भी मानेकशॉ की पत्नी सिल्लू और फातिमा सना शेख पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के रूप में हैं। निर्माताओं ने अगले साल रिलीज होने से ठीक एक साल पहले तारीख की घोषणा करते हुए आज फिल्म की पहली यूनिट को ड्रॉप कर दिया है, जिसका टीजर दर्शकों को पसंद आ रहा है।
365 days to go...#Samबहादुर in cinemas 1.12.2023@vickykaushal09 @sanyamalhotra07 @fattysanashaikh @RonnieScrewvala @maharshs @adgpi @IAF_MCC @indiannavy @jehansam @batliwalabrandy #BhavaniIyer #ShantanuSrivastava @RSVPMovies pic.twitter.com/WKmu2h5Nkp
— Meghna Gulzar (@meghnagulzar) December 1, 2022
वीडियो में सेना के अधिकारियों की एक बटालियन को सैम बहादुर के लिए रास्ता दिखाते हुए दिखाया गया है। यह फिल्म विकी का सैम की तरह लुक काफी चर्चा में रहा था। फिल्म का पोस्टर जब रिलीज किया गया था तो इसके पोस्टर ने हर किसी को हैरान कर दिया था। विकी, हुबहू सैम की तरह नजर आ रहे थे। वहीं टीजर में अब विकी की चाल और उनका अंदाज फैन्स को पसंद आ रहा है।
कौन हैं सैम मानेकशॉ
करीब 46 साल पहले भारत ने पूर्वी पाकिस्तान पर हमला कर उसे जनरल याहया खान के जुल्मों से मुक्ति दिलाई थी। जिसके बाद नए मुल्क बांग्लादेश का जन्म हुआ। कहा जाता है कि ये दुनिया का अकेला युद्ध था जिसमें एक दिन में 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। इस युद्ध के असली हीरो थे जनरल सैम मानेकशा। जिन्हें इस युद्ध में उनके अदम्य साहस और सूझबूझ के लिए देश के पहले फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के अलावा चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध में हिस्सा ले चुके मानेकशा को उनकी बहादुरी और सूझबूझ के कारण 1969 में उस समय भारतीय सेना का अध्यक्ष बनाया गया था जब चीन युद्ध में हार के बाद सेना का हौसला टूटा हुआ था।