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Manoj Bajpayee vs KRK : मुश्किल में 'देशद्रोही' एक्टर KRK, मनोज बाजपेयी को गंजेड़ी कहना पड़ा भारी- मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

बॉलीवुड के कतिथ क्रिटिक कमाल आर खान उर्फ़ KRK फिर मुश्किलों में घिर गए हैं । एक्टर मनोज बाजपेयी के लिए अपशब्द कहना उनके लिए भारी पड़ा है। अदालत ने भी ये माना है की कमाल आर खान उर्फ़ KRK ने मनोज बाजपेयी के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वो अशोभनीय है और एक्टर की छवि को बाटता लगाते हैं। ऐसे में कमाल आर खान उर्फ़ KRK के लिए मानहानि का मुकदमा आगे चलना चाहिए। हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद KRK द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका 13 दिसंबर को खारिज कर दी।

मनोज बाजपेयी ने KRK के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाज़ा तब खटखटाया था जब KRK ने ट्विटर पर मनोज बाजपेयी को ''चरसी और गंजेड़ी'' कहा था। इसी के खिलाफ फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान उर्फ KRK ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से राहत मांगी थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। मनोज बाजपेयी द्वारा KRK के खिलाफ इंदौर की जिला अदालत में दर्ज कराया गया मानहानि का मुकदमा रद्द कराने को दायर याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि इन विवादास्पद संबोधनों का इस्तेमाल 53 वर्षीय अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त प्रतीत होता है।

हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद KRK द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका 13 दिसंबर को खारिज कर दी। हाई कोर्ट ने कहा कि सबूतों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कथित ट्वीट बाजपेयी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से किए गए थे या नहीं और मुकदमे के मौजूदा पड़ाव पर इस बात का निर्णय सीआरपीसी के उक्त प्रावधान के तहत अदालत को हासिल शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं किया जा सकता।  

एकल पीठ ने मुकदमे से जुड़े कथित ट्वीट की भाषा पर गौर करने के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि ''चरसी और गंजेड़ी'' के विवादास्पद संबोधन बाजपेयी सरीखे अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त हैं। गौरतलब है कि KRK ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए जिला अदालत के नौ जुलाई को पारित उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था।

पद्मश्री से सम्मानित बाजपेयी ने आपराधिक शिकायत के तौर पर जिला अदालत में दायर मुकदमे में आरोप लगाया है कि केआरके ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से अलग-अलग ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई 2021 को दो ट्वीट कर उन्हें ''चरसी और गंजेड़ी'' कहा था।

उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर बहस के दौरान केआरके के वकील ने उक्त आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इनमें से एक ट्विटर हैंडल ''KRK बॉक्स ऑफिस'' 22 अक्टूबर 2020 को सलीम अहमद नामक शख्स को बेचा जा चुका है और बाजपेयी के बारे में कथित ट्वीट किए जाने के वक्त केआरके इस हैंडल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।

KRK की ओर से उच्च न्यायालय में कहा गया कि उन्होंने बाजपेयी या भारतीय फिल्म जगत के किसी भी अन्य कलाकार का अपमान करने के इरादे से कभी कोई टिप्पणी नहीं की है। 47 वर्षीय फिल्म समीक्षक की ओर से अदालत में यह दलील भी दी गई कि कथित ट्वीट की भाषा और शब्दावली को लेकर बाजपेयी की ओर से अनावश्यक रूप से आपत्ति जताई जा रही है।

बाजपेयी के वकील परेश जोशी ने सोमवार को बताया कि उनके मुवक्किल इंदौर की जिला अदालत में KRK के खिलाफ दायर मुकदमे में अपना बयान पहले ही दर्ज करा चुके हैं। जोशी ने बताया कि मुकदमे में जिला अदालत में 17 जनवरी 2023 को अगली सुनवाई होनी है।

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