बॉलीवुड के लिए शुक्रवार कि सुबह बेहद मनहूस खबर लेकर आयी है। 'पान सिंह तोमर' I am Kalam और Saheb Biwi Aur Gangster जैसे फिल्मों के राइटर संजय चौहान का निधन हो गया है। संजय लिवर कि बिमारी के ग्रसित थे और कई दिनों से बीमार चल रहे थे। संजय चौहान का निधन 62 साल की उम्र में गुरुवार यानी 12 जनवरी को मुंबई के एक अस्पताल में हुआ है। परिवार और दोस्तों के मुताबिक संजय बीते काफी सालों से लीवर की पुरानी बीमारी से पीड़ित थे। संजय के निधन की खबर ने हर किसी को हिला कर रख दिया है। हर काई उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहा है।
संजय चौहान का नाम उन चुनिंदा राइटरों में था जो हर फिल्म पर काम नहीं करते थे। उन्होंने जो भी फिल्में कि है उसे बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा किया है। संजय के निधन से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि उनके फैंस और इंडस्ट्री के तमाम स्टार्स इस वक्त सदमे में हैं। संजय अपने पीछे अपनी पत्नी सरिता और बेटी सारा चौहान हो छोड़ गए हैं। संजय को ‘पान सिंह तोमर’ के लिए ही नहीं बल्कि 'मैंने गांधी को नहीं मारा', 'धूप', 'साहेब बीवी गैंगस्टर' और 'आई एम कलाम' जैसी फिल्मों को लिए भी जाना जाता है। 'आई एम कलाम' के लिए संजय को बेस्ट स्टोरी के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया था। यही नहीं उन्होंने तिग्मांशु धूलिया के साथ ‘साहेब बीवी गैंगस्टर’ जैसी कई फिल्में भी लिखी हैं। चौहान को राइटिंग फैटरनिटी के अधिकारों के लिए भी एक्टिवली भाग लेने के लिए जाना जाता है।
संजय चौहान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रहने वाले थे। उनके पिता रेलवे में काम करते थे और मां एक स्कूल टीचर थीं। अपने करियर की शुरूआत संजय ने दिल्ली में एक पत्रकार के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने साल 1990 के दशक में सोनी टेलीविजन के लिए क्राइम-बेस्ड टीवी सीरीज ‘भंवर’ लिखा था, जो काफी चर्चा में रहा था। इसके बाद ही वो मुंबई चले आए। संजय को सुधीर मिश्रा की साल 2003 में आई फेमस फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ के डायलॉग के लिए भी जाना है। बता दें कि संजय चौहान का अंतिम संस्कार आज दोपहर 12.30 बजे मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में किया जाएगा।