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Exclusive:  धर्मवीर संभाजी महाराज कि ज़िन्दगी पर बनेगी फिल्म, विक्की कौशल निभाएंगे किरदार- लक्ष्मण उतेकर करेंगे निर्देशन और प्रोड्यूस करेंगे दिनेश विजयन 

PeepingMoon Exclusive:  धर्मवीर संभाजी महाराज कि ज़िन्दगी पर बनेगी फिल्म, विक्की कौशल निभाएंगे किरदार- लक्ष्मण उतेकर करेंगे निर्देशन और प्रोड्यूस करेंगे दिनेश विजयन 

छत्रपती शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) महाराष्ट्र में आराध्य देवता माने जाते हैं। छत्रपति संभाजी महाराज की पहचान इतिहास में ‘धर्मवीर’ के रूप में हुई है। अब उनके शौर्य कि कहानी को बड़े परदे पर उतारने कि तैयारी है। पीपिंगमून को मिली जानकरी के मुताबिक धर्मवीर संभाजी महाराज कि ज़िन्दगी पर बन रही फिल्म में उरी फेम एक्टर विक्की कौशल मुख्य भूमिका में दिखाई देंगे और मिमी फेम डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर  के निर्देशन वाली इस फिल्म को मैडॉक फिल्म के बैनर तले दिनेश विजयन करेंगे। धरमवीर संभाजी महाराज की इस बायोपिक में उनके शौर्य और बहादुरी की दास्तान दर्शकों के सामने लाई जाएगी। हालाँकि अभी तक फिल्म का टाइटल तय नहीं किया गया है। 

पीपिंग मून के सूत्रों ने बताया है कि फिल्म का निर्देशन करने जा रहे लक्ष्मण उतेकर ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि विक्की कौशल ने भी हामी भर दी है और जल्द ही इसे लेकर एक पूरा वर्कशॉप भी शुरू किया जाएगा। फिल्म कि टीम कहीं भी कोई चूक नहीं करना चाहती है इसलिए बड़ी बारीकी से इस पर काम किया जा रहा है। टीम कि मानें तो छत्रपति संभाजी महाराज असीम त्याग, अत्यधिक सहनशक्ति, देशभक्ति और बलिदान के प्रतीक हैं। वह विभिन्न विज्ञानों, शास्त्रों और पुराणों के गहरे जानकार होने के साथ-साथ मराठों की पहचान थे। 

छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे बेटे थे संभाजी

छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में बात करें तो वे मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति थे। 1681 से 1689 तक उनका शासन रहा। संभाजी मराठा साम्राज्य की नींव रखने रखने वाले महान योद्धा और कुशल शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे थे।संभाजी का जन्म 14 मई 1657 को पुरंदर के किले में हुआ था।शिवाजी महाराज को संभाजी राजे से अपार प्रेम था। संभाजी जब दो साल के थे, तब उनकी मां सईबाई की अकाल मृत्यु हो गई। उसके बाद राजमाता जीजाबाई (जिजाऊ) ने उनकी देखभाल की। जब छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा अभियान पर निकले तो वे संभाजी राजे को भी साथ ले गए थे। उस समय संभाजी राजे सिर्फ नौ साल के थे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की कई बातों को करीब से देखा था। शिवाजी महाराज के आगरा छोड़ने के बाद उन्होंने संभाजी महाराज को मथुरा में रखा। इस दौरान संभाजी राजे की मौत की अफवाह फैलाकर छत्रपति शिवाजी को सकुशल निकाला गया। 20 नवम्बर 1666 को संभाजी रायगढ़ पहुंच गए। आगरा से रायगढ़ लौटते वक्त संभाजी राजे की चतुराई की कई कहानियां मशहूर हैं।

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