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The Romantics! नेपोटिज्म पर बोले आदित्य चोपड़ा, कहा- अगर सिर्फ बॉलीवुड परिवार से तालुक रखने से ही कोई एक्टर बनता तो आज मेरा भाई सबसे बड़ा होता 

बॉलीवुड में अक्सर एक बात को लेकर दबे ज़ुबान में चर्चा होती रहती है। अक्सर ये कहा जाता है की इस इंडस्ट्री में उसी को काम मिलता है जो किसी बड़े बॉलीवुड परिवार से आता हो। एक्ट्रेस कंगना रनौत ने तो कई बार नेपोटिज्म का मुद्दा बनाते हुए कई बड़े प्रोड्यूसर्स और मेकर्स को कठघरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है इस मुद्दे पर उस शख्स ने जवाब दिया है जिसे विवाद और मीडिया से दूरी बनाये रखना बेहतर लगता है। यश राज फिल्म्स के करता धर्ता, यश चोपड़ा के बेटे और फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा ने इस बारे में खुलकर बात की है। आदित्य ने अपने भाई उदय चोपड़ा के बारे में बात करते हुए कहा कि नेपोटिज्म के कारण कभी वो स्टार नहीं बन पाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि उदय एक बड़े फिल्म मेकर के बेटे हैं लेकिन फिर भी वह फिल्म इंडस्ट्री में खुद की एक खास पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो पाए। आदित्य ने नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री 'द रोमांटिक्स (The Romantics)' में इस पर बात की है। 

आदित्य और उदय को विरासत में मिली फिल्मी दुनिया

उन्होंने कहा की वो यश चोपड़ा के परिवार से आते हैं। फिल्म उनके रग रग में बसा है, उन्हें और उनके भाई  उदय चोपड़ा को विरासत में ये फिल्मी दुनिया मिली है। वह जाने माने फिल्मकार यश चोपड़ा (Yash Chopra) के बेटे हैं, जिन्होंने लोगों को प्यार की परिभाषा सिखाई है। मैंने अपने पिता के नक्शे कदमों पर चलकर निर्माता-निर्देशन बन चूका हूँ, लेकिन बात जब मेरे छोटे बेटे उदय चोपड़ा की बात आती है तो कहने के लिए जैसे कुछ रह ही नहीं जाता। उदित ने एक्टिंग की दुनिया में अपना करियर चुना. 'धूम' और 'मोहब्बतें' जैसी हिट फिल्में देने के बावजूद उदय फ्लॉप हो गए। 

नेपोटिज्म नहीं, दर्शक बनाते हैं स्टार

आदित्य कहते हैं कि 'जिन चीजों को लोग अनदेखा करते हैं उनमें से एक है कि प्रत्येक वह व्यक्ति जो एक खास बैकग्राउंड से ताल्लुक रखता है जरूरी नहीं कि वह सफल होता हो। मैं इस बात को दूसरें लोगों का उदाहरण दिए बिना क्लियर कर सकता हूं। मैं इस बात को अपनी ही फैमिली से कनेक्ट 
करके साबित कर सकता हूं'।

'मेरा भाई एक एक्टर है लेकिन वह बहुत सफल अभिनेता नहीं है। वो यहां सबसे बड़े फिल्म मेकर्स में से एक का बेटा है। सोचिए वो एक बहुत बड़े फिल्म निर्माता के भाई भी है। वहीं वाईआरएफ जब इतने सारे नए लोगों को लांच करता है  लेकिन हम उसे स्टार नहीं बना पाए। कुल मिलाकर बात यह है कि एक दर्शक ही है जो यह तय करता है कि मुझे यह व्यक्ति पसंद है, मैं इसे देखना चाहता हूं। कोई दूसरा नहीं।'

इसके बाद आदित्य चोपड़ा ने बताया कि किस तरह से उदय ने 'मोहब्बतें' फिल्म के लिए कड़ी मेहनत की थी, जिसमें शाहरुख खान औऱ अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिकाओं में थे। 

फैमिली का मिलता है फायदा लेकिन

आदित्य कहते हैं कि हां, यदि आप फिल्मी परिवार में पैदा हुए हैं तो इसमें कोई डाउट नहीं है कि ऑडिशन या ब्रेक लेने में आसानी होती है, लेकिन एक समय के बाद यह सब वहीं रुक जाता है।  

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