जाने-माने गीतकार, लेखक और कवि जावेद अख्तर ने पाकिस्तान को 26/11 हमले की याद दिलाते हुए कहा कि आतंकवादी आपके देश में खुले आम घूम रहे हैं। उनके इस बयान में भारत में खूब तालियां बटोरी हैं।
जावेद अख्तर का पिछले हफ्ते लाहौर में 7वें फैज महोत्सव में तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया था। महान पाकिस्तानी कवि फैज अहमद फैज के लिए अपने प्यार के अलावा, 78 वर्षीय जावेद अख्तर ने बड़े पैमाने पर अंग्रेजी और मातृभाषा दोनों के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि भाषा चाहे हिंदी हो उर्दू हो या क्षेत्रीय हो सभी को समान सम्मान देने की जरूरत है। एक बातचीत के दौरान, जावेद अख्तर ने कहा कि पाकिस्तान भारतीयों को नाराज होने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकता।
कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर से एक दर्शक ने सवाल किया कि आप कई बार पाकिस्तान आ चुके हैं। जब आप वापस जाते हैं तो क्या आप अपने लोगों को बताते हैं कि ये अच्छे लोग हैं, ये सिर्फ हम पर बमबारी नहीं कर रहे हैं बल्कि हमें माला और प्यार से बधाई भी दे रहे हैं?
Javed akhtar doing surgical strike in pakistan pic.twitter.com/Iaa4lgcMSP
— Prayag (@theprayagtiwari) February 21, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, जावेद अख्तर ने दर्शकों को जवाब देते हुए कहा हमें एक-दूसरे को दोष नहीं देना चाहिए। इससे कुछ हल नहीं होगा। माहौल तनावपूर्ण है, जिसे बुझा देना चाहिए। हम मुंबई के लोग हैं, हमने अपने शहर पर हमला देखा है। वे (हमलावर) नॉर्वे या मिस्र से नहीं आए थे। वे आज भी आपके देश में आजाद घूम रहे हैं। इसलिए अगर हिंदुस्तानियों के दिल में गुस्सा है, तो आप शिकायत नहीं कर सकते।
अख्तर ने आगे बताया कि भारत ने नुसरत फतेह अली खान, मेहदी हसन, फैज अहमद फैज जैसे पाकिस्तानी दिग्गजों की मेजबानी की है, लेकिन पाकिस्तान में कभी लता मंगेशकर शो नहीं हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में जावेद की टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर सर्जिकल स्ट्राइक से जोड़ा जा रहा है। अख्तर ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में साझा किया कि फैज को आज भी भारत में व्यापक रूप से फॉलो किया जाता है और पढ़ा जाता है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में अख्तर ने कहा, उनकी रचनाओं में कुछ जादू था। वे न केवल उर्दू में, बल्कि देवनागरी में भी प्रकाशित और पढ़ी जाती हैं। उनके प्रशंसक पाकिस्तान या भारत तक ही सीमित नहीं हैं।