बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी कई महीनों से अपनी निजी ज़िन्दगी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। उनकी पत्नी आलिया ने उनपर एक नहीं बल्कि कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आलिया ने नवाज़ के खिलाफ अदालत में दहेजी उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। लेकिन अदालत ने नवाज़ को इस मामले में बड़ी राहत दी है, दहेज उत्पीड़न लगाई गई याचिका को मुंबई की अदालत ने खारिज कर दिया है। एक्टर की पत्नी आलिया ने उनके खिलाफ दो याचिका दायर की थी, जिन्हें अदालत ने खारिज किया है। नवाज के वकीलों की मानें तो जैनबने उनके क्लाइंट के खिलाफ झूठे दावे करते हुए शिकायत दर्ज की थी। हालांकि आलिया के वकील की मानें तो नवाज को बच्चों की कस्टडी नहीं दी जाएगी।
नवाज़ की पत्नी ने मुंबई के वर्सोवा थाने में Nawazuddin Siddiqui और उनकी मां के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) और धारा 509 (सुरक्षा प्रदान करने के लिए) के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट से निर्देश देने की मांग की थी। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। एक्टर के वकील अदनान शेख और दृष्टि खुराना ने बताया कि, 'कोर्ट ने दोनों मामलों को तलाक के दस्तावेज पेश करने के बाद खारिज कर दिया।' अब देखना यह होगा कि नवाज को उनके दोनों बच्चों की कस्टडी मिलेगी या नहीं।
दोनों मामले 21 फरवरी को खारिज किए गए। ये नवाजुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ शादी के दस्तावेजों के आधार पर दर्ज किए गए थे। यही नहीं, तलाक के वैध दस्तावेज कोर्ट से छुपाए गए थे। वहीं, पिछले महीने वर्सोवा पुलिस ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी मां मेहरुनिसा सिद्दीकी की शिकायत पर ज़ैनब के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया था। नवाजुद्दीन की मां ने शिकायत में कहा था कि ज़ैनब जबरदस्ती न सिर्फ उनके घर में घुसी बल्कि झगड़ा भी किया। दोनों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हुआ था और इस वजह से शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तब ज़ैनब के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 452, 504 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। तब ज़ैनब को पुलिस ने पूछताछ के लिए भी बुलाया था।
आपको बता दें कि नवाज कई बार अपने बच्चों को लेकर कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। उन्हें अपने बच्चों और उनकी स्कूलिंग की फिक्र है। वह चाहते हैं कि उनके बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए, उन्हें दुबई वापस जाना चाहिए।
हालांकि आलिया के वकील का कहना कुछ और ही है। उन्होंने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा कि बाकी मामलों के साथ बच्चों की कस्टडी पर कोर्ट फैसला सुनाएगा। तब तक बच्चे भारत में रहकर अपनी पढ़ाई करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि नवाज को एक प्रोवाइडर होने के कारण बच्चों की पूरी कस्टडी नहीं दी जा सकती।