आज एंटरटेनमेंट की दुनिया में द वायरल फीवर की पहचान सामाजिक और रोज़ होने वाली घटनाओं या यूँ कहें की स्लाइस ऑफ़ लाइफ की बेहतरीन कहानियों को गढ़ने के लिए जाना जाता है। उनके हर शो को दर्शकों ने खूब सराहा है। बात चाहे मध्य वर्गीय परिवार की दास्तान वाली गुल्लक की हो या फिर टीवीएफ पिचर्स' चार यंग लोगों की कहानी कहती है जो अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ देते हैं। भारत में पहली ब्लैक एंड व्हाइट वेब सीरीज कोटा फैक्टरी, पंचायत (Panchayat), एस्पिरेंट्स (Aspirants) या फिर हॉस्टल डेज (Hostel Daze) हो। लेकिन इस बार उनके एक शो को दिल्ली हाई कोर्ट से कड़ी फटकार लग गयी है।
सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की जज ने इसे अश्लील बताया है और इसी के साथ FIR का आदेश भी दिया है। जज ने कहा कि इसके एपिसोड इतने अश्लील थे कि उन्हें ईयरफोन लगाकर इसे देखना पड़ा। FIR रद्द करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जज ने ये टिप्पणी की। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की एकल न्यायाधीश की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि इसमें इस्तेमाल की गई भाषा ‘गंदी, अपवित्र और बेहूदा’ है।
जस्टिस शर्मा ने यह भी कहा कि सीरीज में इस्तेमाल की गई भाषा युवाओं के दिमाग को विकृत और भ्रष्ट कर देगी। हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने कहा कि विभिन्न एपिसोड में इस्तेमाल की गई भाषा इतनी ज्यादा अश्लील थी कि उनके लिए आसपास के लोगों को चौंकाए बिना अपनी केबिन में सुनना असंभव था। जस्टिस शर्मा ने यह भी कहा कि उन्हें अपने चैंबर में ये वेब सीरीज देखने के लिए ईयरफोन लगाने पड़े थे।
‘बार और बेंच’ ने हाईकोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया, ‘कोर्ट को चैंबर में ईयरफोन लगाकर एपिसोड देखना पड़ा, क्योंकि इसमें इस्तेमाल की गई भाषा इस हद तक गंदी थी कि इसे आसपास के लोगों को चौंकाए बिना सुना नहीं जा सकता था। निश्चित रूप से, यह कोर्ट नोट करता है कि यह वह भाषा नहीं है, जिसे देश के युवा या आम नागरिक बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं और इस भाषा को हमारे देश में अक्सर बोली जाने वाली भाषा नहीं कहा जा सकता है। ’
जज ने फैसला सुनाया कि इस मामले में टीवीएफ, इस शो के निदेशक सिमरप्रीत सिंह और अभिनेता अपूर्वा अरोड़ा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में कामुक सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और 67ए (ऐसी सामग्री प्रसारित करना जिसमें यौन रूप से स्पष्ट कार्य शामिल है) के तहत कार्रवाई का सामना करने के लिए उत्तरदायी हैं।