राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 'पद्मावत' के खिलाफ बिगड़ते माहौल को देखते हुए फिल्म को बैन करने का फैसला किया हैं. राजस्थान क साथ-साथ मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार ने भी फिल्म रिलीज पर रोक लगा दी हैं लेकिन अब आप रानी पद्मिनी के महल के दर्शन कर सकते हैं, जिनपर ये पूरी फिल्म आधारित हैं. 'पद्मावत' के कारण राजस्थान टूरिजम में खूब बढ़ौती हुई हैं.
मिली जानकारी के अनुसार रानी पद्मिनी के चित्तौढ़ नगर में पिछले एक साल में टूरिस्टो की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ हैं. दिसंबर 2016 में तकरीबन 40, 733 लोग चित्तौड़ के दर्शन के लिए पहुंचे थे और दिसंबर 2017 में ये संख्या बढ़कर 81, 009 हो गई. फिल्म पर प्रतिबंध लगाने को लेकर चल रहे विवाद के बाद लोगो ने बाहरी लोगो ने मेवाड़ आना शुरू कर दिया हैं.
राजस्थान के अस्सिस्टेंट टूरिस्ट अफसर शरद व्यास ने न्यूज़ एजेंसी आईएनएस से बताया कि पर्यटक उस स्थान को देखने के लिए ज्यादा उत्साहित है, जहां रानी पद्मिनी ने 16, 000 रानियों के साथ मिलाकर खुद को जोहर आकर लिया (आत्म-बलिदान) लिया था. बता दें, दिल्ली के सल्तनत अलाउद्दीन खिलजी के हाथों राजा रावल रतन सिंह की वीरगति के बाद रानी पद्मिनी ने खुद को जोहर कर लिया.
चित्तौड़ के गवर्नमेंट गाइड सुनील सेन ने बताया कि लोग इतिहास को लेकर और जागरूक हो गए हैं. पर्यटक रानी पद्मावती, अलाउद्दीन खिलजी और राजा रावल रतन सिंह के बारे में नजदीक से जाना चाहते हैं. पर्यटक उस शीशे को भी देखना चाहते हैं जिसमें अलाउद्दीन खिलजी ने पहली बार रानी पद्मिनी की झलक देखी था.