अपनी कलम के जादू से बॉलीवुड के कई महान गीतों को तराशने वाले जावेद अख्तर का आज जन्मदिन है. इन गीतों में एक ऐसा जादू है जिससे लोग खुद को जोड़ कर देख पाते हैं. गजलों को एक नया और आसान रूप देने में जावेद साहब का हाथ रहा है. उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों की कहानी भी लिखी है, इस महान लेखक और गीतकार को आज हम तहे दिल से जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं. उनके जन्मदिन पर आइये जानते हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य...
जावेद अख्तर का जन्म ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 को हुआ. उनके पिता जान निसार अख्तर कवि और माता सफिया अख्तर उर्दू लेखिका और शिक्षिका थीं. जब जावेद साहब छोटे थे तो उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली और इसी वजह से उन्हें अपनी सौतेली मां के साथ भोपाल में रहना पड़ा. वहां उनका पूरा समय उनके दोस्तों के साथ बीतने लगा. जावेद साहब ने यही अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और जिंदगी के नए सबक सीखे.
जावेद अख्तर की पहली पत्नी से उन्हें दो बच्चे फरहान अख्तर और जोया अख्तर हुए. उनकी दूसरी पत्नी हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी हैं.
जावेद अख्तर ने अपने करियर की शुरुआत सरहदी लुटेरा से की थी. इस फिल्म में सलीम खान ने छोटी सी भूमिका अदा की थी. इसके बाद सलीम-जावेद की जोड़ी ने मिलकर हिंदी सिनेमा की सुपरहिट फिल्मों की कहानी लिखी. इस जोड़ी ने 1971-1982 तक फिल्मों में एक साथ काम किया, जिसमें सीता और गीता, शोले, हाथी मेरे साथी, यादों की बारात, दीवार जैसी फिल्में हैं. इन 24 फिल्मों में से 20 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई.
साल 1987 मे आई फिल्म मिस्टर इंडिया के बाद सलीम-जावेद की जोड़ी अलग हो गई. इसके बाद जावेद अख्तर ने फिल्मों में संवाद लिखने का काम जारी रखा. उन्हें उनके गीतों के लिए आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया. साल 1999 में साहित्य के जगत में जावेद अख्तर के योगदान को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया. साल 2007 में जावेद अख्तर को पद्मभूषण सम्मान दिया गया.
आपको सुनकर ताज्जुब होगा, लेकिन जावेद अख्तर का असली नाम 'जादू' है. उनके पिता की कविता 'लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा' से उन्हें यह नाम मिला। जावेद का नाम जादू से मिलता जुलता था, इसीलिए उनका नाम जावेद अख्तर रखा गया.
मुंबई आने के बाद उनके पास न खाने के लिए पैसे थे, न रहने के लिए घर. बाद में कमाल अमरोही के स्टूडियो में उन्हें ठिकाना मिला. जावेद अख्तर शुरुआती दिनों में कैफ़ी आजमी के सहायक थे. बाद में उन्होंने उनकी बेटी शबाना आजमी से दूसरी शादी कर ली.