फिल्म इंडस्ट्री की हर दिन ढेरों प्रेम कहनियां सुनने मिलती हैं, लेकिन कुछ लव स्टोरी ऐसी होती है जो दिल में घर कर जाती हैं. ऐसी ही एक प्रेम कहानी है राइटर और गीतकार जावेद अख्तर और शबाना आजमी की. शादीशुदा होने के बावजूद जावेद उस जमाने की अदाकारा शबाना आजमी को अपना दिल दे बैठे.
जावेद और पहली पत्नी हनी ईरानी की शादी 21 मार्च 1972 को हुई जावेद और हनी की पहली मुलकात हेमा मालिनी और संजीव कपूर अभिनीत फिल्म 'सीता और गीता' के सेट पर हुई थी. फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद सब लोग पत्ते खेल रहे थे. जावेद साहेब के पत्ते ठीक नहीं आ रहे थे. हनी ने आकर कहा, 'लाओ तुम्हारे पत्ते में निकालती हूं.' जावेद ने जवाब दिया, 'अगर पत्ते अच्छे निकले तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा.' पत्ते सही निकल आए और अब जावेद को अपनी बात की इज्जत रखनी थी.
जावेद खुद बहुत शर्मीले थे इसलिए शादी की बात करने के लिए अपने जोड़ीदार सलीम खान को हनी की मां के पास भेज दिया. सलीम ने हनी की मां के सामने जिस तरह उनकी तारीफ की उस दृश्य को शोले फिल्म में बखूबी दिखाया गया हैं. कहा जाता हैं कि फिल्म का वो सीन जब अमिताभ बच्चन बसंती की दादी के सामने धर्मेंद्र के रिश्ते की बात करते हैं वो शोले फिल्म से ही प्रेरित हैं.
जावेद और हनी की शादी हो गई. ये शादी मात्र 6 साल चली. हनी घर पर रहकर दोनों बच्चों फरहान और जोया की देखभाल करने लगी. जावेद को लिखने का बहुत शौक था. कविताएं सुनाने के लिए मशहूर शायर कैफी आजमी के घरजाया करते थे.
कैफी की एक बेटी थी जिसका नाम शबाना आजमी था. गीतकार जावेद शबाना को चाहने लगे लेकिन एक हिचकिचाहट थी क्यूंकि उनका रिलेशनशिप स्टेटस मैरिड था. एक पार्टी में जहां शबाना भी थीं, जावेद ने शबाना की फिल्म ‘स्पर्श’ का जिक्र छेड़ दिया और उनके परफॉरमेंस की तारीफ करने लगे. यहां से इनकी लव स्टोरी शुरू हो गई.
इनके अफेयर की खबर जब शबाना के माता-पिता को पता चली तो उनके पैरो तले जमीन खिसक गई. मां शौकत तो इनके रिश्ते के खिलाफ थी लेकिन पापा चिल्ड आउट थे, उन्हें बस जावेद के शादीशुदा होने से समस्या थी. शबाना ने अपने पापा से पूछा, 'क्या वो मेरे लिए सही नहीं हैं. पापा ने कहा, 'वो गलत नहीं हैं. परिस्थितियां गलत हैं. शबाना ने कहा, 'अगर वो परिस्थितियां बदल दे तो? जवाब आया, 'तब तो सब ठीक हो जाना चाहिए.'
हनी को जब जावेद और शबाना के प्यार के बारे में पता चला घर का माहौल बिगड़ने लगा. रोज लड़ाइयां होने लगी. हनी को जब पता चला कि अब उनका पति उनसे प्यार नहीं करता तो उन्होंने इस रिश्ते से उन्हें आजाद कर दिया और साल 1984 में दोनों का तलाक हो गया. हनी से तलाक के बाद 9 दिसंबर 1984 को जावेद और शबाना ने शादी कर ली.