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अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए बिहार के गया पहुंच Sanjay Dutt, चार घंटे तक पूजा अर्चना-  राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर अयोध्या जाने की जताई इच्छा

वैसे तो पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भारत में कई जगहें हैं लेकिन फल्गु नदी के तट पर स्थित गया शहर का अपना विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के दिन गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थली कहा जाता है।

बिहार के शहर गया में अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए बॉलीवुड अभिनेता संजू बाबा पहुंचे। संजू बाबा एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच विष्णुपद मंदिर पहुंचे। फिल्मस्टार संजय दत्त ने विष्णुपद मंदिर में अपेन पूर्वजों को हनुमान मंदिर परिसर में बैठकर पिता स्व. सुनील दत्त माता नरगिस समेत छह पीढ़ियों के लिए पिंडदान कर मोक्ष की कामना की। उन्होंने गायपाल पंडा विश्वनाथ मेहरवार दाढ़ी वाले की देखरेख में पिंडदान की प्रक्रिया को पूरा किया। पिंडदान के बाद श्री विष्णुचरण के दर्शन-पूजन किए। उन्होंने विशेष तौर पर फल्गु घाट, वट वृक्ष और देवघाट पर पिंडदान किया। उनके पितरों का पिंडदान विश्वनाथ मेहरवार दाढ़ी वाले की ओर से विधिवत रूप से संपन्न कराया गया। पुरोहित विश्वनाथ मेहरवार दाढ़ी वाले ने बताया कि संजय दत्त अपने कुछ रिश्तेदार और मित्र के साथ विशेष तौर पर गया में पिंडदान करने के लिए ही आए थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान संजय दत्त अपने गया दौरे के दौरान सफेद रंग के कुर्ता-पजामा पहने हुए थे। इस दौरान संजू बाबा को देखने के लिए विष्णुपद में शहर उमड़ पड़ा। पूरा इलाका संजू बाबा के शोर से गूंजता रहा। मंदिर में संजय दत्त ने भी जय श्री राम व बाबा भोलेनाथ के नारे लगाए। उन्होंने 45 मिनट में पूरा पिंडदान किया।

सफेद कुर्ता व पायजामा पहने संजय दत्त मुंबई से चार्टर विमान से सीधे गुरुवार की दोपहर गया एयरपोर्ट उतरे। वहीं से सीधे करीब 3 बजे विष्णुपद पहुंचे। भारी सुरक्षा के बीच दक्षिण में स्थित नए निकास द्वार से विष्णुपद में प्रवेश किया। विष्णुपद परिसर में स्थित हनुमान मंदिर परिसर में पिंडदान किया। यहां पंजाब के गयापाल विश्वनाथ मेहरवार दाढ़ी वाले के सानिध्य में करीब डेढ़ तक बैठकर गयाश्राद्ध किया। आचार्य मनोज मिश्रा ने पिंडदान कराया। दक्षिण की ओर मुंह कर बैठे संजय दत्त ने पिता स्व. संजय दत्त की तस्वीर सामने रखकर पिंडदान कर मोक्ष की कामना की। पिता सहित छह पीढ़ियों के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गयाश्राद्ध किया। गयापाल अमरनाथ मेहरवार ने बताया कि एकदिनी कर्मकांड के तहत फल्गु, विष्णुपद और अक्षयवट का विधान किया। हनुमान मंदिर से सीधे संजय दत्त विष्णुपद के गर्भगृह पहुंचे। यहां विष्णुचरण पर पिंड अर्पित किया। दूध व जलाभिषेक कर विष्णुचरण पर मत्था टेका 

विष्णुपद गर्भगृह से मंदिर परिसर में स्थत श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के कार्यालय पहुंचे। यहां समिति की ओर से विष्णुचरण, प्रसाद व अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया। समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल व ने कहा कि संजय दत्त ने अपने पूर्वजों के लिए गयाश्राद्ध किया। इस मौके पर मणिलाल बारिक सहित अन्य गयापाल मौजूद रहे।आरती की।

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