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Happy Birthday Vijay Sethupathi: उधार चुकाने के लिए एक्टर बने, अकाउंटेंट की नौकरी की छोड़ी, इंडस्ट्री में बॉडी शेमिंग हुई, कई रिजेक्शन के बाद विजय सेतुपति बड़े स्टार 

अब तक लोग विजय सेतुपति को सिर्फ दक्षिण भारतीय फ़िल्में देखना पसंद करते थे। आज पूरे देश में उनकी एक्टिंग के लोग कायल हैं। विजय की तुलना आज कद्दावर एक्टर स्वर्गीय इरफ़ान खान से की जाती है। विजय सेतुपति एक दक्षिण भारतीय एक्टर हैं जिन्होंने अपना करियर तमिल सिनेमा से किया फिर कई मलायम व तेलुगु फ़िल्मों में भी काम किया। हर भाषा में उनकी एक्टिंग की तारीफ हुई। लेकिन बहुत काम लोगों विजय की शुरुआती कहानी के बारे में पता है। 

आज विजय सेतुपति का जन्मदिन है। विजय सेतुपति 46 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 16 जनवरी, 1978 को हुआ था। वो तमिल नाडु से ताल्लुक रखते हैं। वो अपने फिल्मी करियर में नेशनल अवॉर्ड, दो फिल्मफेयर अवॉर्ड साउथ और दो तमिल नाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स अपने नाम कर चुके हैं। वो हिंदी के साथ-साथ मलयालम, तेलुगु और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में काम कर चुके हैं। लेकिन, उनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि वो फिल्मों में आने से पहले दुबई में अकाउंटेंट की नौकरी करते थे।

इनका पूरा नाम है विजय गुरुनाथ सेतुपति कालीमथु। इनका जन्म तमिलनाडु के राजपलायम नामक शहर में हुआ था। विजय एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं, जिनका फ़िल्मी दुनिया से कोई संबंध नहीं था। विजय के अंदर फिल्मी दुनिया से जुड़ने की इच्छा थी, लेकिन अपने साधारण लुक और घर की तंगी हालत की वजह से आगे क़दम नहीं बढ़ा पा रहे थे। हालांकि, वो सही समय के इंतज़ार में ज़रूर थे। 

Vijay Sethupathi ने अपनी स्कूली शिक्षा कोडंबक्कम (चेन्नई) के MGR Higher Secondary School से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने चेन्नई के ही Dhanraj Baid Jain College से बी-कॉम की पढ़ाई की है। कहते हैं कि उन्होंने शुरुआती वक़्त में कई फ़िल्मों के लिए ऑडिशन भी दिए थे, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। उन्हें हर बार यही कह दिया जाता था कि उनकी एक्टिंग में दम नहीं है। चूंकि उनके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी इसलिए वो ज़्यादा समय नहीं दे सकते थे।  

शुरुआती वक़्त में Vijay Sethupathi को कई अलग-अलग काम करने पड़े। वो अपनी जेब ख़र्च के लिए परिवार पर निर्भर नहीं थे। जानकर हैरानी होगी कि विजय सेतुपति ने सेल्समैन, होटल में कैशियर व टेलिफ़ोन बूथ ऑपरेटर तक का काम किया था। वहीं, इसके बाद उन्हें अकाउंटेंट की नौकरी मिल गई थी। घर की ज़िम्मेदारी संभालने के लिए विजय ने दुबई जाने का फैसला किया। हालांकि, वो कुछ समय बाद भारत लौट आए और भारत में ही अपने एक मित्र के साथ इंटीरियर डिज़ाइनिंग का काम शुरू किया।  

कहते हैं कि भाग्य का लिखा कोई नहीं टाल सकता है। विजय के भाग्य में फ़िल्मी दुनिया लिखी थी और वो उसमें आ ही गए। दरअसल, हुआ यूं कि जब वो एक मार्केटिंग कंपनी के लिए काम कर रहे थे, तो उनकी मुलाक़ात डायरेक्टर महेंद्र बाबू से हुई थी। उनको विजय में प्रतिभा दिखी। उन्होंने विजय को मोटिवेट किया। 

महेंद्र बाबू की बात मानकर उन्होंने फ़िल्मी दुनिया की तरफ़ कदम बढ़ाया। शुरू में उन्हें छोटे व सपोर्टिंग रोल मिले, लेकिन उनकी किस्मत 2010 के समय चमकी जब उन्हें कई शॉर्ट फ़िल्मों के साथ Thenmerku Paruvakaatru नाम की एक तमिल फ़िल्म में एक बड़ा रोल मिला। 
यहीं से विजय की ज़िंदगी में एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट आया और उन्हें कई बड़ी फ़िल्मों में काम करने का मौका मिला। 2012 में आई तमिल फ़िल्म Sundarapandian में उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया था। जानकारी के अनुसार, विजय 90 से ज़्यादा फ़िल्में कर चुके हैं। 

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