बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान की अगली क्रांतिकारी फिल्म ए वतन मेरे वतन को लेकर पीपिंग मून को एक्सक्लूसिव जानकारी लेकर आया है। सूत्रों की मानें तो तो करण जौहर की कंपनी Dharmatic Entertainment,ने अपने साल 2024 के सारे लाइन अप तय कर लिए हैं। फिल्म के मेकर्स ने सारा अली खान की इस फिल्म को 24 मार्च को रिलीज़ करने का फैसला किया है। चूँकि मार्च में ही अंतराष्ट्रीय महिला दिवस है तो ऐसे में ये फिल्म दुनिये भर की उन महिलाओं को समर्पित होगी जिन्होंने देश और दुनिया में अपने बुते कोई मुकाम हासिल किया हो।
धर्माटिक एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म को करण जौहर और अपूर्व मेहता ने प्रोड्यूस कर रहे हैं, जिसके को-प्रोड्यूसर सोमेन मिश्रा हैं। कन्नन अय्यर के निर्देशन में बनी यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक थ्रिलर ड्रामा है, जिसकी कहानी दरब फ़ारूक़ी और कन्नन अय्यर ने लिखी हैं। इस फिल्म में सारा अली ख़ान एक दिलेर स्वतंत्रता सेनानी का किरदार निभाएंगी।
'ऐ वतन मेरे वतन' सच्ची घटनाओं से प्रेरित बॉम्बे के एक कॉलेज में पढ़ने वाली बहादुर लड़की कहानी है जो स्वतंत्रता सेनानी बन जाती है। यह काल्पनिक कहानी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इस फिल्म में देश के युवाओं की दिलेरी, देशभक्ति, दूरदर्शिता और हर मामले में उनकी कुशलता को दिखाया गया है। सारा की ये फिल्म महान क्रांतिकारी उषा मेहता का किरदार प्रेरित बताई जा रही है। उषा मेहता हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक सीक्रेट रेडियो सर्विस शुरू की थी जिसका नाम कांग्रेस रेडियो था। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उनके इस रेडियो से आजादी के संघर्ष में बहुत मदद मिली थी। इस रेडियो पर वो जानकारी और खबरें शेयर होती थीं जिनपर भारत की ब्रिटिश सरकार ने पाबंदी लगा रखी थी। 1998 में उषा मेहता को भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
जब इस फिल्म का फर्स्ट-लुक वीडियो लॉन्च किया गया था। तो उस वीडियो की शुरुआत एक फ्लैश बैक के साथ होती है। शुरू होते ही ये वीडियो हमें हमें अतीत में वापस ले जाता है। वीडियो की शुरुआत में हीहमें एक लड़की नज़र आती है जो बेहद चिंतित और परेशान दिखाई दे रही है लेकिन फिर भी वो पूरी लगन के साथ कम रोशनी वाले एक कमरे में रेडियो की तरह दिखने वाले डिवाइस को बड़ी कुशलता से असेंबल करती रही है।
कैमरा धीरे-धीरे दिखाता है कि वह युवती कोई और नहीं बल्कि सारा अली ख़ान है जिन्हें दर्शकों ने इस तरह के नॉन-ग्लैमरस अवतार में पहले कभी नहीं देखा होगा। वह रेडियो पर बोलना शुरू कर देती है, उसकी आवाज़ में दृढ़-संकल्प और साहस की झलक दिखाई देती है, और वह जमीन के नीचे मौजूद अपने रेडियो स्टेशन के जरिए पूरे देश के साथ स्वतंत्रता का संदेश साझा करती है।