भारत के एक छोटे गांव पर बनी फिल्म ‘टू किल अ टाइगर’ (To Kill a Tiger) डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर 2024 के लिए नॉमिनेट किया गया है। इस फिल्म को कनाडा की रहने वाली भारतीय मूल की डायरेक्टर निशा पाहुजा ने बनाया है। निशा पाहुजा का जन्म दिल्ली में हुआ था। इसके बाद निशा कनाडा के टोरंटो में रहने लगीं।
फिल्म की कहानी भारत के एक छोटे से गांव की है। जहां एक 12 साल की नाबालिग मासूम लड़की के साथ 3 आरोपी दुष्कर्म करते हैं। इसके बाद इस कहानी में संघर्षों की शुरुआत होती है। लड़की की मदद के लिए एक व्यक्ति सामने आता है। जो आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास जाता है। पुलिस भी आरोपियों को पकड़ लेती है।
कौन हैं टू किल ए टाइगर की डायरेक्टर
डॉक्युमेंट्री टू किल एक टाइगर की निर्देशक निशा पाहुजा भारतीय मूल की हैं। मौजूदा समय में वह कनाडा के टोरंटों में रहती हैं। निशा का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था। लेकिन छोटी सी उम्र में ही वह अपने माता-पिता के साथ 1970 के आस-पास टोरंटो पलायन कर गईं।
अपने फिल्मी करियर की शुरुआत निशा ने कनाडाई फिल्ममेकर्स जॉन वॉकर और अली काजिमी के साथ मिलकर एक रिसर्चर के तौर पर की है। टू किल ए टाइगर से पहले बतौर निर्देशक निशा पहुजा 'द वर्ल्ड बीफॉर हर, बॉलीवुड बाउंड और डायमंड रोड' जैसी पॉपुलर डॉक्युमेंट्री के जरिए वाहवाही लूट चुकी हैं। बेशक निशा भारत में नहीं रहती हैं, लेकिन फिलहाल उनकी डाक्युमेंट्री टू किल एक टाइगर ने ऑस्कर की रेस में शामिल होकर देश का नाम रोशन कर दिया है।
संघर्ष का दास्तां बताती है डॉक्यूमेंट्री की कहानी
इसके बाद आरोपी लड़की के परिजनों पर दवाब बनाते हैं जिसके बाद पीड़ित पक्ष को मामला वापस लेना पड़ता है। इस कहानी को देखकर पूरी दुनिया में इसकी सराहना की गई है। साल 2024 के ऑस्कर अवॉर्ड्स में इस डॉक्यूमेंट्री को नॉमिनेट किया गया है। ये अवॉर्ड सेरेमनी 10 मार्च को आयोजित किए जाएंगे। टू किल अ टाइगर को हॉलीवुड के प्रोड्यूसर कॉर्नेलिया प्रिंसिपाई और डेविड ओपेनहिम ने प्रोड्यूस किया है।