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भंसाली के सामने करणी सेना ने टेके घुटने कहा- फिल्म में कुछ गलत नहीं

फिल्म रिलीज के बाद भी करणी सेना और राजपूत समाज के लोग लगातार 'पद्मावत' का विरोध कर रहे हैं. वो फिल्म की रिलीज के खिलाफ थे. कुछ हद तक वो कामयाब भी हुए. राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे बड़े शहरों में फिल्म रिलज नहीं हुई लेकिन फिल्म रिलीज के 6 दिन बाद करणी सेना के दो इतिहासकारों ने फिल्म को हरी झंडी दे दी हैं.

करणी सेना के इन दो सदस्यों का कहना है कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं. फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे किसी की भावना को आहत पहुंचे. 'पद्मावत' की रिलीज तक करने के लिए गठित किये छह सदस्यों के पैनल में से जिन दो लोगो का नाम करणी सेना ने लिया हैं. उन्होंने सोमवार को बंगलौर में फिल्म को पास कर दिया हैं. सोमवार को फिल्म देखने के बाद दोनों सदस्यों ने कहा कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं हैं और ना ही इससे किसी भी समुदाय को ठेस पहुंच रही हैं.

बता दें, पिछले महीने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के प्रमुख प्रसून जोशी ने इतिहासकार आर. एस खांगरोट और बी एल गुप्ता से संपर्क किया था. फिल्म को श्री श्री रविशंकर ने अपने बंगलौर आश्रम में भी देखा था. प्रोफेसर खांगरोट ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से यह फिल्म शून्य हैं. मुझे नहीं लगता कि यह फिल्म समाज के किसी भी हिस्से को नुकसान पहुंचा रही हैं. हम दोनों मिलकर एक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं.

बी एल गुप्ता जो राजस्थान यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं. उन्होंने फिल्म के बारे में कहा, ',मुझे व्यक्तिगत रूप से फिल्म को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं लगता जो किसी विशेष जाती या समुदाय को ठेस नहीं पहुंचाता.

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