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'पद्मावत': स्‍वरा के खुले खत पर व‍िवेक ने साधा निशाना, दी बस्‍तर जाने की सलाह

संजय लीला भंसाली की फ‍िल्‍म 'पद्मावत' शुरुआत से ही चर्चा में बनी हुई है. 25 जनवरी को रिलीज हुई फ‍िल्‍म पहले करणी सेना की वजह से विवादों में रही और अब वो स्‍वरा भास्‍कर के ल‍िखे ओपन लेटर की वजह से सुर्खियों में बनी हुई है. स्‍वरा के लेटर पर सेलेब्‍स खूब रिएक्‍ट कर रहे हैं.

फिल्ममेकर विवेक अग्न‍िहोत्री ने ट्विटर पर स्‍वरा पर न‍िशाना साधा. उन्‍होंने लिखा, 'मैंने बस्तर में रह चुकी कई पूर्व नक्सल महिलाओं का इंटरव्यू किया है. हर किसी की अपनी दर्द भरी दांस्ता है. उन्होंने कई तरह की प्रताड़ना झेलीं हैं. अगर वो शादी करती हैं तो उन्हें बच्चे पैदा करने की इजाजत नहीं है. मुझे लगता है कि खोखला फेमिनिजम फैलाने वाली स्वरा भास्कर को ऐसे इलाकों में जाकर उन महिलाओं से जरूर मिलना चाहिए. महिलाओं को यह समझने की
जरूरत है कि स्वरा भास्कर की तरह खोखला फेमिनिजम फैलाने वाली महिलाओं की वजह से फेमिनिजम का मूवमेंट खतरे में पड़ रहा है. आप आज के दौर की लड़ाई सिर्फ जेंडर सहानुभूति के आधार पर नहीं लड़ सकते हैं.'

https://twitter.com/vivekagnihotri/status/958159059567472640

https://twitter.com/vivekagnihotri/status/958159059567472640

इसके जवाब में स्वरा भास्कर ने लि‍खा, 'मैं माफी चाहती हूं अगर आप मुझे यह सलाह देते हैं कि मैं जाकर खुद का उसी प्रताड़ना में देखूं. क्या सच में आपने ये ट्विट लिखा है? मुझे इस बात की बहुत हैरानी है.'

https://twitter.com/ReallySwara/status/958455826401972224

दरअसल हाल ही में स्‍वरा ने फ‍िल्‍म 'पद्मावत' देख ओपन लेटर ल‍िखा. उन्होंने लिखा, मुझे ऐसा लगा कि महिलाओं और महिला आंदोलनों के सालों बाद जो सभी छोटी उपलब्धियां, जैसे मतदान का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, 'समान काम समान वेतन' का अधिकार, मातृत्व अवकाश, विशाखा आदेश का मामला, बच्चा गोद लेने का अधिकार मिले.. सभी तर्कहीन थे. क्योंकि हम मूल सवाल पर लौट आए. उन्होंने लिखा, हम जीने के अधिकार के बेसिक सवाल पर लौट आए. आपकी फिल्म देखकर लगा कि हम उसी काले अध्याय के सवाल पर ही पहुंच गए हैं कि क्या विधवा, दुष्कर्म पीड़िता, युवती, वृद्धा, गर्भवती, किशोरी को जीने का अधिकार है?

https://twitter.com/ReallySwara/status/957356011970547712

आगे उन्होंने ल‍िखा कि महिलाओं को दुष्कर्म के बाद पति, पुरुष रक्षक, मालिक और महिलाओं की सेक्सुएलिटी तय करने वाले, आप उन्हें जो भी समझते हों, मौत के बाद भी महिलाओं को स्वतंत्र होकर जीने का हक है. स्वरा ने फिल्म के आखिरी सीन को बहुत ज्यादा असहज बताया, जिसमें अभिनेत्री दीपिका पादुकोण (रानी पद्मावती) कुछ महिलाओं के साथ जौहर कर रही थीं. उन्होंने कहा, महिलाएं चलती फिरती योनि मात्र नहीं हैं. हां, उनके पास योनि है, लेकिन उनके पास उससे भी ज्यादा बहुत कुछ है. उनकी पूरी जिंदगी योनि पर ही ध्यान केंद्रित करने, उस पर नियंत्रण करने, उसकी रक्षा करने और उसे पवित्र बनाए रखने के लिए नहीं है.

स्वरा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भंसाली अपनी इस फिल्म में 'सतीप्रथा' और 'जौहर' की कुछ हद तक निंदा करेंगे. आपका सिनेमा मुख्य रूप से प्रेरणाशील, उद्बोधक और शक्तिशाली है. ये अपने दर्शकों की भावनाओं को नियंत्रित करता है. ये सोच को प्रभावित कर सकता है और सर, आप अपनी फिल्म में जो दिखा रहे हैं और बोल रहे हैं, इसके लिए सिर्फ आप ही जिम्मेदार हैं.

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