जोधपुर में सोमवार को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए विवादास्पद फिल्म 'पद्मावत' की एक विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी.
यह विशेष स्क्रीनिंग चार लोगों के लिए की जाएगी, जिनमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप मेहता और स्टाफ सदस्य शामिल हैं.
'पद्मावत' के निर्देशक संजय लीला भंसाली द्वारा मार्च 2017 में उनके और दीपिका पादुकोण व रणवीर सिंह के खिलाफ दीड़वाना पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका की सुनवाई के तहत यह विशेष स्क्रीनिंग की जा रही है.
वीरेंद्र सिंह व नागपाल सिंह नामक दो व्यक्तियों ने फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने व रानी पद्मावती की छवि को नुकसान पहुंचाने को आरोप लगाते हुए यह प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
न्यायधीश मेहता ने कहा, "अदालत का यह पुख्ता विचार है कि न्याय करने के लिए फिल्म देखना आवश्यक है."
याचिकाकर्ता ने अदालत के लिए फिल्म प्रदर्शित करने पर अपनी सहमति दी और न्यायमूर्ति मेहता ने सोमवार को इसकी स्क्रीनिंग का आदेश दिया.
यह फिल्म कड़ी सुरक्षा के बीच रात आठ बजे जोधपुर के इनॉक्स मॉल में प्रदर्शित की जाएगी.
सिनेमाघर मालिकों को फिल्म का केवल एक शो दिखाने के लिए एक विशेष पासवर्ड दिया गया है.
इस दौरान सिनेमाघर में और उसके आसपास सैकड़ों पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे.
श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कलवी ने आईएएनएस को बताया कि प्रशासन ने हमें यह सुनिश्चित करने के लिए फोन किया था कि उनके समूह को स्क्रीनिंग पर कोई आपत्ति तो नहीं है.
उन्होंने कहा, "कानूनी कारणों के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग पर हमें कोई ऐतराज नहीं है और हमारे पक्ष की तरफ से इसमें कोई समस्या नहीं होगी."