अभिनेता मुकेश खन्ना का कहना है कि उन्हें अभी तक सूचना और प्रसारण मंत्रालय से अपने इस्तीफे पर जवाब नहीं मिला है. मुकेश ने चिल्ड्रेन फिल्म सोसाइटी इंडिया (सीएफएसआई) के अध्यक्ष के रूप में अपने तीन साल के कार्यकाल के खत्म होने से कुछ महीने पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मुकेश ने विभिन्न भाषाओं में बच्चों की फिल्में और टेलीविजन शो बनाने वाले सरकारी संगठन सीएफएसआई में काम करने की प्रक्रिया के मुद्दों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है.
मुकेश ने आईएएनएस को बताया, 'मुझे उनकी ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. अथॉरिटी ने मौन बनाए रखा है. मैं उनके फैसले का इंतजार कर रहा हूं. मैं हालांकि यह चाहता हूं कि इससे पहले कि मैं जाऊं, लोगों को कम से कम यह जानना चाहिए कि सीएसएफआई किस परेशानी से गुजर रहा है ताकि निकट भविष्य में इसका हल हो सके.' मुकेश का कार्यकाल अप्रैल 2018 में खत्म होने वाला था.
मुकेश ने जिन मुद्दों का सामना किया उस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारी फिल्म 'टेनिस बडीज' रिलीज के लिए तैयार थी और कुछ वितरकों ने इस फिल्म के सिनेमाघरों में रिलीज के लिए निवेश करने का इरादा भी जताया, तभी मैंने इन समस्याओं का सामना किया. उन्होंने मुझे यह फिल्म दूरदर्शन पर दिखाकर लोकप्रिय करने की सलाह दी.'
उन्होंने कहा, 'इस पर मैंने सवाल किया कि टीवी पर इसे देखने के बाद फिल्म देखने के लिए सिनेमाघर में कौन जाएगा? मुझे इसका जवाब नहीं मिला.
मुकेश के अनुसार, 'फिल्म वितरक बच्चों की फिल्मों में निवेश करने के लिए तैयार हैं लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्री से मंजूरी मिलने की प्रक्रिया बहुत लंबी है और बहुत अधिक समय खर्च करने वाली है. इसमें महीनों का समय लगता है. इतना ही नहीं, एक निविदा प्रणाली भी है जो निवेशकों को जुटाने के बारे में समस्या पैदा कर रही है.'उन्होंने कहा कि बच्चों की फिल्मों को सिनेमाघर में रिलीज करने के लिए निवेशकों को तैयार करना मुश्किल काम है.
उन्होंने कहा, 'निविदा प्रक्रिया के कारण वितरक कदम वापस खींच लेते हैं। जब मैंने कुछ संयुक्त उद्यम स्थापित करने की अपील की जहां सीएसएफआई और अन्य कंपनियां फिल्म रिलीज के लिए एक साथ आ सकती हैं तो मुझसे कहा गया इस तरह की प्रक्रियाएं राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम में काम करती हैं. यहां (सीएफएसआई में) नहीं"
मुकेश के अनुसार, 'सीएसएफआई में संयुक्त उद्यमों के लिए एक स्थान है, इस बात को स्पष्ट करने के लिए लगातार तीन बैठकें हुईं लेकिन, जब तक वे सहमत हुए तब तक फंड समाप्त हो गया. इसलिए मैंने वितरकों को इस विचार को यहीं रोकने के लिए कहा. कौन इस तरह से काम करता है? यह बच्चों की फिल्मों और उनके मनोरंजन के लिए सही नहीं है.'
क्या उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से बात की? इस पर मुकेश ने कहा, 'चूंकि वह एक पूर्व टेलीविजन अभिनेत्री हैं और मनोरंजन उद्योग को निकट से जानती हैं, इसलिए मुझे उम्मीद थी कि वह इस मुद्दे का निपटारा करेंगी. मैंने उनसे मिलने के लिए एक पत्र लिखा था लेकिन पिछले चार महीनों में उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. यह भी एक वजह है कि मैं बहुत परेशान हो गया.