मुंबई में यूनिसेफ,हॉप फाउंडेशन ने मिलकर एक सम्मिट का आयोजन किया जिसमें अक्षय कुमार की लेटेस्ट फिल्म पैडमैन पर चर्चा की गयी.इस दौरान फिल्म की प्रोड्यूसर ट्विंकल खन्ना और डायरेक्टर आर.बाल्की मौजूद थे.इस दौरान मीडिया से हुई बातचीत में दोनों इस फिल्म की मेकिंग को लेकर कुछ खुलासे किये.बाल्की ने सबसे पहले बात करते हुए बताया कि मनोरंजन और शिक्षा दोनों ही बेहद ही लाभकारी हैं.
इसी वजह से मैंने अरुणाचलम मुरुगानाथम की लाइफ पर फिल्म बनाने के लिए हामी भरी क्योंकि ये बेहद दिलचस्प है मगर मैं एक ऐसी फिल्म करना चाहता था जिसमें सेनेटरी पैड केन्द्रीय विषय हो.ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता.बाल्की ने इस दौरान एक वाकया शेयर करते हुए बताया,फिल्म की स्क्रीनिंग 400 तमिल हाई स्कूल गर्ल्स को की गयी थी जब उन्हें पता चला कि फिल्म पैड पर है और उनकी सीट्स पर पैड रखे गए हैं तो उनकी हंसी छूट पड़ी और वह हंसते हुए माहवारी पर डिस्कस करते हुए थियेटर से बाहर निकलीं.मैं इसे अपनी सक्सेस कहूंगा.पैडमैन पहली इंडियन फिल्म है जो ग्लोबल इश्यू पर बात करती है.
वहीं,ट्विंकल ने कहा,पैडमैन मेरे हिसाब से फिल्म से बड़ी है,ये एक मूवमेंट है..अब महिलाएं अपनी इस बायोलॉजिकल प्रक्रिया पर शर्म नहीं करेंगी.पैड्स के विज्ञापन में लाल की जगह नीला रंग नहीं दिखाया जायेगा और अस्सी प्रतिशत महिलाएं माहवारी के दौरान पैड्स इस्तेमाल कर पाएंगी.मैं गर्व महसूस करती हूं कि फिल्म ने मेनस्ट्रल हाइजीन को लेकर एक जागरूकता फैलाई है.
ट्विंकल ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि उनके दोस्त उनकी मैसेज करके बता रहे थे कि उनके आठ और ग्यारह साल के बच्चे फिल्म देखने को बेताब हैं.उनकी एक दोस्त की तो अपने पति से फिल्म देखने के पीछे लड़ाई हो गयी,उन्होंने ये कहा कि हम पद्मावत नहीं पैडमैन देखेंगे.