इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और नैसकॉम इंडिया लीडरशिप फोरम द्वारा आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस समारोह में बात करते हुए दीपिका ने डिप्रेशन जैसे विषय पर बात की. उन्होंने डिप्रेशन से लड़ने के 7 सफल तरीकों के बारे में लोगों को बताया. उनके मुताबिक इन 7 तरीकों के जरिए कोई भी व्यक्ति डिप्रेशन जैसी समस्या से उबर सकता है. आइए जानते हैं क्या है दीपिका पादुकोण की डिप्रेशन को लेकर ये 7 सलाह.
आप अकेले नहीं हैं, हर 3 या 5 लोगों में से एक व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है. यह हमारे देश की अगली बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में सामने आने वाली है. इसीलिए लोगों को मानसिक अस्वस्थता के बारे में बात करने की जरूरत है.
'सफलता और असफलता जिंदगी के साथ जुड़ी हुई है और सभी को असफलता का सामना करना पड़ता है. मैं आज अपनी जिंदगी के ऐसे मुकाम पर हूं, जहां मैंने सब कुछ देख लिया है.' उन्होंने यह भी कहा कि वे हारने से नहीं डरती.
उन्होंने उन सभी IT कंपनियों को यह सलाह दी है कि उन्हें अपनी कंपनी के कर्मचारियों के लिए साइकियाट्रिस्ट और काउंसलर रखने चाहिए, जिससे सभी कर्मचारी डिप्रेशन से उबर सकें। उन्होंने कंपनी कंपनी को यह भी हिदायत दी है कि उन कर्मचारियों से अलग बर्ताव ना किया जाए जो डिप्रेशन के शिकार हैं.
डिप्रेशन की समस्या से उलझने पर दीपिका ने कहा, 'किसी क्षण में कमजोर पड़ना यह एक सामान्य बात है और इसीलिए कमजोर पढ़कर रोना भी उतना ही सामान्य है. हमेशा बेहतर दिखना जरूरी नहीं होता।' अपने डिप्रेशन के दिनों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, 'उस दौरान मुझे कोई भी मोटिवेट नहीं कर पा रहा था और इसीलिए सकारात्मक सोच नहीं थी. आप किसी बोझ की तरह खुद को सोचने लगते हैं, ऐसा लगता है जैसे आप खुद से अलग हो चुके हैं.'
दीपिका ने बताया कि टेक्नोलॉजी डिप्रेशन के बारे में जागरूकता फैलाने का एक जरिया बन सकती हैं. 'हम डिप्रेशन से लड़ने के लिए सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं, वैसे तो टेक्नोलॉजी ने हमसे बहुत कुछ छीना है, पर दूसरे मायनों में या हमारी मदद भी कर सकती हैं.'
दीपिका ने बताया कि लगातार काउंसलिंग सेशन, मेडिकेशन, दिनचर्या में बदलाव, काम से थोड़ी दूरी, आरामदायक नींद और सही भोजन के साथ हम डिप्रेशन जैसी बीमारी से लड़ सकते हैं. उन्होंने बताया, 'यदि मैं एक जिंदगी भी बचा पाती हूं, तो मैं समझूंगी कि मेरा काम पूरा हुआ.'