फिल्मकार इम्तियाज अली का कहना है कि ऐसे स्थानों पर फिल्म की शूटिंग मुश्किल होती है जहां नौकरशाही हावी हो और जहां लोग सकारात्मक न हों. इम्तियाज ने शनिवार को भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म पर्यटन सम्मेलन (आईआईएफटीसी) की मास्टर क्लास में भाग लिया था, जहां उनसे फिल्म की कठिनाई के बारे में पूछा गया.
वहीं 'जब वी मेट' के निर्देशक ने संवादाताओं से कहा, 'ऐसे स्थानों पर शूटिंग मुश्किल होती है, जहां नौकरशाही हावी हो और लोग सकारात्मक न हों.'
उन्होंने कहा, 'मुझे उन मोर्चे पर ज्यादा कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन जब हम एक निश्चित क्षेत्र में शूटिंग करते समय समस्याओं का सामना करते हैं, तो हमें उस स्थिति से निपटने में हमारी मदद के लिए हमारे प्रोड्यूर्स पर भरोसा करना होता है.'
विदेशी स्थानों की तुलना में क्या भारत में शूटिंग के दौरान ज्यादा झंझटों का सामना करना पड़ता है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विदेशी स्थानों की तरह, भारतीय स्थानों पर भी स्टॉल लगाए जा रहा है. उदाहरण के लिए, गुजरात हो या दिल्ली .. यहां स्टॉल हैं, इसलिए, आईआईएफटीसी का मतलब केवल विदेशी स्थान नहीं है, यह किसी भी स्थान के बारे में है.'
सभी देशों में फिल्म शूटिंग के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'चेक गणराज्य, पुर्तगाल और कॉर्सिका (फ्रांस में) सहित कई देशों में फिल्मों की शूटिंग का मेरा बहुत अच्छा अनुभव रहा.'
उन्होंने कहा, 'मैं दिल्ली और कश्मीर में भी कई बार फिल्मों की शूटिंग कर चुका हूं, इसलिए मुझे अपने देश में भी शूटिंग करना अच्छा लगता है.'