25 साल पहले आज ही के दिन मुंबई दहल उठी थी. मुंबई में 12 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाका हुआ था. इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे. 25 साल पहले यानी 1993 में मुंबई में हुए बम ब्लास्ट में संजय दत्त को आरोपी ठहराया गया था. बाद में उनपर सिर्फ आर्म्स एक्ट का मामला बना और उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई.
उनका कहना है कि 1993 बम ब्लास्ट में संजय दत्त ने भले ही सजा काट ली हो लेकिन वो उनके साथ काम नहीं करेंगे. क्योंकि साल 1993 में जो हुआ मुझे उस बात का बहुत दुख है. इस हादसे में उन्होंने वर्ली बेस्ट बस ब्लास्ट में अपना भाई खोया था.
नाना पाटेकर ने कहा, 'मैंने संजय के साथ अपनी पूरी लाइफ में काम नहीं किया और ना ही भविष्य में उनके साथ काम करुंगा. साल 1993 में जो हुआ मुझे उस बात का बहुत दुख है. मैंने वर्ली बेस्ट बस ब्लास्ट में अपना भाई खोया था. मेरी पत्नी की भी उसी हादसे में डेथ हो गई हो जाती अगर उन्होंने दूसरी बस नहीं ली होती. मैं ये नहीं कह रहा कि इसके लिए संजय दत्त जिम्मेदार हैं.लेकिन वो थोड़े भी इस हादसे के लिए रिस्पांसिबल हैं तो मैं उनके साथ काम नहीं करूंगा. ये पर्सनली नहीं कह रहा हूं और ना ही ये हिन्दू-मुस्लिम का सवाल है. मैं सभी को बराबर मानता हूं और ये निर्णय उन लोगों के लिए लिया है जो उस दुर्घटना में मारे गए.'
रिपोर्ट्स आई थी कि जांच में संजय दत्त के घर से 3 एके-56 राइफल, 9 मैगजीन, 450 कार्टरिज, एक 9mm की पिस्टल और 20 हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए थे. इन्हें अबू सलेम, बाबा मूसा चौहान और समीर हिंगोरा ने इसे संजय के घर पर डिलीवर किया था. संजय दत्त को अप्रैल 19, 1993 को गिरफ्तार कर लिया गया. 2006 में उन्हें दोषी पाया गया, उन्हें 5 साल की सजा दी गई. इसके बात दया याचिकाओं और सुनवाइयों का दौर चला. आखिर में संजय को फरवरी, 2013 में सजा दी गई और वो 2016 में यरवदा जेल से रिहा हो गए.