बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन अदाकारी को लेकर पहचाने जाने वाले एक्टर फारुख शेख का जन्म आज ही के दिन 1948 में हुआ था. साल 1977 से लेकर 1989 तक फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने अपना एक मुकाम बनाया, इसके अलावा वे 1999 से 2002 तक छोटे पर्दे पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे. बता दें कि शाहरुख खान लॉ के स्टूडेंट थे, उनके पिता चाहते थे कि वह एक वकील के तौर पर दुनिया में उनका नाम रोशन करें, लेकिन फारुख की रूचि एक्टिंग में ज्यादा थी.
अपने कॉलेज के दिनों में फारुख थिएटर में एक्टिव रहे, उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस के बदौलत उन्हें 1973 में रिलीज हुई फिल्म 'गर्म हवा' में ब्रेक मिला. मजे की बात यह है कि इस फिल्म में उन्हें मात्र ₹750 अदा किए गए थे. फारुख शेख मुंबई आने के बाद करीब 6 साल तक संघर्ष किया, लेकिन आखिरकार उन्हें महान निर्देशक सत्यजीत रे की फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में काम करने का अवसर मिला. इसके बाद फारुख में पीछे मुड़कर नहीं देखा. कमर्शियल सिनेमा में भी दर्शकों के बीच उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई, 'शतरंज के खिलाड़ी', 'उमराव जान', 'कथा बाजार', 'चश्मे बद्दूर', 'क्लब 60' से लोगों का दिल जीतने वाले फारुख आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी उनका अभिनय हमारे जहन में ताजा है. आइए बात करते हैं उनकी फिल्मों के बारे में जो लोगों के दिमाग पर ऐसी छाई कि वे आज तक अपनी छाप छोड़े हुए हैं.
फारुख शेख की किस्मत निर्माता निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्म 'नूरी' से चमका, 1979 में आई नूरी को बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय के लिए जाना जाता है. इस फिल्म से फारूक शेख को ही नहीं, बल्कि पूनम ढिल्लों को भी रातों रात स्टार बना दिया। वहीं 1981 में फारुख शेख के जीवन में एक और महत्वपूर्ण फिल्म 'उमराव जान' आई. मिर्ज़ा हादी रुसवा के मशहूर उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में फारुख ने नवाब सुल्तान का किरदार निभाया था, जिसे बेहद संजीदगी से वे निभाते चले गए. इस फिल्म ने लोगों के दिमाग पर उनके अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी जो आज तक नहीं उतरी.
साल 1982 में फारुख शेख के करियर में अगली महत्वपूर्ण फिल्म 'बाज़ार' में अभिनय किया। सागर सरहदी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेता मौजूद थे. इसके बाद 1983 में फारुख शेख को एक बार फिर से सईं परांजपे की फिल्म 'कथा' में काम करने का मौका मिला. इसमें उनके साथ नसीरुद्दीन शाह मौजूद थे, इस फिल्म में फारुख शेख ने कुछ नकारात्मक किरदार निभाया, लेकिन इसके बाद भी वह लोगों का दिल जीतने में सफल रहे.
बता दें कि फारुख शेख के साथ दीप्ति नवल की ऑनस्क्रीन जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया. यह जोड़ी बड़े पर्दे पर हिट रही. दीप्ति नवल के साथ शाहरुख ने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें 'चश्मे बद्दूर', 'कथा', 'किसी से ना कहना', 'रंग-बिरंगी' जैसी फिल्में शामिल थी. साल 2014 में रिलीज हुई यंगिस्तान फारुख शेख की आखिरी फिल्म थी, इस दौरान फारुख शेख टीवी शो जीना इसी का नाम है के लिए भी मशहूर हुए. इस शो में उन्होंने कई जानी मानी हस्तियों के इंटरव्यू लिए.
28 दिसंबर 2013 को फारुख का दिल का दौरा पड़ने की वजह से इंतकाम हो गया. इस जाने-माने अभिनेता के जन्मदिन पर उनके अभिनय को याद कर उनके फैंस उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.