जिस नाज़ सिनेमा की पहचान 60 देश में मुंबई सबसे पॉश सिनेमाघरों में होती थी वो आज हमेशा के लिया बंद कर दिया गया. बृहनमुंबई महानगर पालिका ने आज नाज़ सिनेमा की इमारत को हमेशा के लिए सील कर दिया. कहा जा रहा है हाल के दिनों में सिनेमा हॉल पूरी तरह जर्जर हो चूका था. और ऐसे में उसे और नहीं चलाया जा सकता. इसके इलावा भी BMC ने कई तकनिकी कारण बताकर इस पर अपने सील की मोहर लगा दी है.
नाज़ सिनेमा पर करोड़ों रूपए का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था। जिसके लिए बीएमसी ने कई बार नोटिस भी भेजा था. कुछ ही दिनों पहले बीएमसी ने 28 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया होने के नाते नाज़ सिनेमा का 6 प्रॉपर्टी को सील्ड किया था. आज बीएमसी ने पुरे बिल्डिंग में ताला लटका दिया है.
जैसे ही नाज़ सिनेमा के सील होने की खबर बॉलीवुड तक पहुंची कई लोगों ने इस अपना दुःख जताया. उनकी मानें एक ज़माने में नाज़ की वही पहचान थी जो आज मुंबई के पॉश मल्टीप्लेक्सों की है। इसी नाज़ सिनेमा न जाने कितनी बड़ी बड़ी फिल्मों को प्रेमियर किया गया है. राज कपूर से लेकर अमिताभ तक की फिल्मों के लिए यहाँ लाइन लगती थी.
ग्रांट रोड स्तिथ नाज़ सिनेमा कई फिल्म डिस्ट्रीब्यूटरों की दफ्तार आज भी हैं, लेकिन चमकते दमकते मल्टप्लेक्सों की चमक धमक में नाज़ पूरी तरह से खोने लगा था. नाज़ सिनेमा के दरवाज़े बंद होने से सबसे ज़्यादा 90 के दशक सुपर स्टार मिथुन और गोविंदा के फैंस निराश हैं. वो कहते हैं कि, वो शाहरुख़ सलमान को नहीं जानते काम करते करते जब भी वो थक जाते थे. इन दो बड़े सितारों कि फिल्म देख कर उनका मन हल्का हो जाता था. वो इन्हें ही देख कर बड़े हुए हैं, बाकी बड़े सिनेमाघर इनकी पुरानी फिल्में तो नहीं लगाते इसी लिए ख़ास तौर पर वो यहाँ आते.
हाल के दिनों में ये भी कहा जाने लगा था की गुज़रते वक़्त के साथ नाज़ सिनेमा के अंदर भूतों का साया पड़ने लगा है. वहां काम करने वाले लोगों की अपनी कहानी है,उन्हें भी ऐसे कई एहसास हुए हैं मगर उनका कहना है की अब तक इसी सिनेमा घर की बदौलत उनका घर चला है. और वो जब तक ज़िंदा रहेंगे वो यहीं रहेंगे.
आज भी आप अगर सिनेमा घर में दाखिल होते हैं तो सबसे पहले आपकी नज़र राज कपूर और विजयंतिमाला की तस्वीरों पर पड़ती है। जो अपने तरीके से सिनेमा प्रेमियों का इक़बाल करती नज़र आती हैं। लेकिन अब ये नज़र नहीं आएँगी.