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SC ने ठुकराई जौहर सीन हटने की मांग, कहा- क्या कोई फिल्म देखकर जौहर करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश 'पद्मावत' फिल्म से जौहर सीन हटने की मांग को खारिज कर दिया हैं.

यूं तो फिल्म 'पद्मावत' शुरुआत से ही विवादों में रही है. सोमवार को 'पद्मावत' के निर्देशक संजय लीला भंसाली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. फिल्म में रानी पद्मावती के जौहर के सीन को हटाने और निर्माता के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही फिल्म से जौहर के सीन को हटाने की मांग को भी कोर्ट ने ठुकरा दिया है.

सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कई सवाल पूछे. सीजेआई दीपक मिश्रा ने पूछा कि "क्या आप समझते हैं कि फिल्म देख कर कोई महिला सती हो जाएगी?" क्या आप कहेंगे कि देवदास देख कर लोग शराबी बन गए? दरअसल, स्वामी अग्निवेश ने अपनी याचिका में कहा था कि फिल्म का वह दृश्य सामाजिक बुराईयों को बढ़ावा देने वाला है.

स्वामी अग्निवेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि फिल्म के इस सीन से जौहर प्रथा का महिमामंडन किया गया है. स्वामी अग्निवेश ने ये भी मांग की थी कि फिल्म निर्माता के खिलाफ FIR दर्ज की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि राई का पहाड़ मत बनाए.

https://twitter.com/ANI/status/988306807146901504

स्वामी अग्निवेश ने सती प्रथा प्रिवेंशन 1987 का उलंघन करते हुए मामला दर्ज कि फिल्म पद्मावत में सती प्रथा को बढ़ावा दिया गया है, जो प्रिवेंशन एक्ट का खुलेआम उल्लंघन है. क्योंकि फिल्म में जिस प्रकार से सती प्रथा का महिमामंडन किया गया है, उससे रूढ़िवादी विचारों को बल मिला है. सती प्रथा के खिलाफ आर्यसमाज समेत कई जन-संगठनों ने एक जोरदार आंदोलन चलाया था, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने सती प्रथा प्रिवेंशन एक्ट को संसद में पारित कर कानून की शक्ल दी थी. इस एक्ट के तहत नारी उत्पीड़न को रोकने के लिए काफी प्रभावी कदम उठाए गए हैं. ऐसे में फिल्म पद्मावत ने एक बार फिर से सती प्रथा जैसी कुरीतियों को हवा दी है.

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